मनिंदर सिंह, नई दिल्ली :
Left Arm Spin Bowling Analysis by expert : ऐसा देखा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बल्लेबाजों को खासकर बाएं हाथ के स्पिनर्स को खेलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बांग्लादेश के खिलाफ पिछले टेस्ट में बायें हाथ के स्पिनर तेजुल इस्लाम ने पारी में सात विकेट हासिल किए जबकि मुम्बई टेस्ट में भारत के गिरने वाले सभी 17 विकेट बायें हाथ के स्पिनरों को हासिल हुए। ऐजाज पटेल ने 14 और रचिन रवींद्र को तीन विकेट हासिल हुए।
दरअसल हमारे बल्लेबाजों को अब स्तरीय बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी खेलने की आदत नहीं रही। सामने थोड़ा सा भी अच्छा स्पिनर आ जाता है तो हमारे हाथ-पांव फूल जाते हैं। इसकी एक वजह तो टी-20 और वनडे क्रिकेट की अधिकता होना है और दूसरे ऐसे गेंदबाजों के सामने हम कदमों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर रहे जितना कि करना चाहिए।
मयंक अग्रवाल ने खासकर ऐजाज पटेल के सामने कदमों का अच्छा इस्तेमाल किया तो परिणाम आपके सामने है। मयंक ने इस टेस्ट में 200 से ज्यादा रन बनाये और वह मैन आफ द मैच रहे। Left Arm Spin Bowling Analysis by expert
दिलीप वेंगसरकर, पार्थसारथी शर्मा, अशोक मांकड़, अजय शर्मा मिलिंद गुंजाल और भास्कर पिल्लै जैसे उस समय के बल्लेबाज स्पिनर्स के सामने कदमों का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया करते थे। ये बल्लेबाज अपने सामने स्पिनर को जमने ही नहीं देते थे। यहां तक कि इनके सामने स्पिनर का हावी होना बेहद मुश्किल हुआ करता था।
इसी तरह गुंडप्पा विश्वनाथ बैकफुट पर स्पिनरों का बखूबी सामना किया करते थे। अब एक पैर बाहर निकालकर भी बल्लेबाज यह सोचता है कि कहीं वह गलती तो नहीं कर रहा। इस तरह से डरकर खेलोगे तो आप एक तरह से ऐसे स्पिनर को अपने ऊपर हावी होने का मौका दे रहे हो।
आज टर्निंग ट्रैक पर आप साधारण गेंद भी फेंक दें तो वह भी टर्न हो जाएगी। बायें हाथ का स्पिनर इस बात का ज्यादा अच्छा पूवार्नुमान लगाता है कि बल्लेबाज गेंद को टर्न समझकर शॉट खेलेगा और वह आर्म बॉल करके बल्लेबाज को फंसा लेता है। Left Arm Spin Bowling Analysis
हमारे समय में बल्लेबाज को फ्रंटफुट पर एलबीडब्ल्यू नहीं दिया जाता था लेकिन आज दिया जाता है जिससे बल्लेबाज ज्यादा दबाव में खेलने लगे हैं। ऐसी स्थिति में बल्लेबाज अगर खड़े-खड़े खेलेगा तो वह दबाव में आ जाएगा और उसके एलबीडब्ल्यू या नजदीकी फील्डरों के हाथों कैच होने के अवसर ज्यादा बढ़ जाएंगे। बल्लेबाज के खड़े-खड़े खेलने की अप्रोच ही डिफेंसिव है जिससे उसके आउट होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
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