India News(इंडिया न्यूज), Manu Bhaker: मनु भाकर आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। मंगलवार को भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर इतिहास रच दिया। भारतीय जोड़ी ने कोरिया के ली वोनहो और ओ ये जिन को 16-10 से हराकर देश को इस ओलंपिक में दूसरा पदक दिलाया। मनु ने इससे पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
कभी टेनिस, कभी स्केटिंग तो कभी बॉक्सिंग मनु भाकर ने खेले इतने खेल
कभी टेनिस, कभी स्केटिंग तो कभी बॉक्सिंग, मनु भाकर को बचपन से ही पता था कि खेल ही उनकी जिंदगी है। हरियाणा के झज्जर जिले की रहने वाली मनु के पिता रामकिशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर हैं। जब उन्होंने 14 साल की उम्र में शूटिंग करने का फैसला किया तो उनके पिता ने बिना किसी सवाल के उन्हें 1.5 लाख रुपये की पिस्टल खरीद कर दी। हालांकि, उनकी मां सुमेधा भाकर चाहती थीं कि मनु डॉक्टर बनें, लेकिन पिता रामकिशन भाकर ने हमेशा अपनी बेटी की पसंद को प्राथमिकता दी।
मनु भाकर ने शूटिंग की पैक्टिस शुरू होने के बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2017 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में पहला रजत पदक जीतकर मनु ने साबित कर दिया कि उनका फैसला बिल्कुल सही था।
मनु जल्दी दबाव में नहीं आती है- रामकिशन भाकर मर्चेंट
मनु को पिता रामकिशन भाकर मर्चेंट ने कहा, “मैं मनु से कभी खेलों के बारे में बात नहीं करता क्योंकि मुझे पता है कि वह इसमें अच्छा करेगी। टोक्यो ओलंपिक में मिली निराशा के बाद मनु ने खुद को लाइमलाइट से दूर कर लिया और अपना पूरा समय तैयारी में लगा दिया। अपनी बेटी की मेहनत के दम पर आज राम किशन भाकर बड़े गर्व के साथ कहते हैं कि उन्हें पूरा यकीन है कि मनु अगले इवेंट में भी इतिहास जरूर रचेगी। उन्होंने आगे कहा, मनु जल्दी दबाव में नहीं आती है और मुझे पूरा यकिन है कि वह और भी अच्छा करेगी। अगले 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी इतिहास रचेगी।”
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एक ही ओलंपिक में तीन पदक जीतने का मौका
मनु के पास एक ही ओलंपिक में तीन पदक जीतने का मौका मनु को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भाग लेना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है।
आजादी के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला
मनु ने पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीते हैं और वह एक ही ओलंपिक में पदक जीतने वाली आजादी के बाद के देश की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचर्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे, लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की है।