India News (इंडिया न्यूज), Match fixing in Cricket: क्रिकेट को जेंटलमैन खेल कहा जाता है लेकिन इस पर अक्सर फिक्सिंग का साया मंडराता रहा है। पर जैसे-जैसे दुनिया में लोकप्रिय होता गया, इसमें नई चीजें भी जुड़ती गईं। कुछ अच्छी और कुछ बुरी। कुछ साल पहले इस खेल पर मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग के आरोप भी लगे थे। पैसों के लिए अपने देश को बेचने वालों में भारत और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के क्रिकेटर शामिल थे, लेकिन पाकिस्तानी सबसे आगे थे। एक समय पाकिस्तान के कम से कम 10 क्रिकेटर मैच फिक्सिंग के दोषी पाए गए। पाकिस्तान के कप्तान सलीम मलिक तो एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के कमरे में मैच फिक्सिंग का ऑफर लेकर पहुंच गए थे।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलीम मलिक पर 1990 के दशक में मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न ने दावा किया था कि सलीम मलिक एक टेस्ट मैच के दौरान उनके होटल के कमरे में आए थे। मलिक ने शेन वॉर्न से कहा था कि वे पाकिस्तानी बल्लेबाजों को आउट न करें। मलिक ने इसके बदले में उन्हें लाखों रुपये देने की पेशकश की थी। इन आरोपों की जांच में सलीम मलिक दोषी पाए गए थे। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, 2008 में उन पर प्रतिबंध लगाया गया था।
Match fixing in Cricket
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज अता-उर-रहमान पर भी 1994 में मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। जस्टिस कय्यूम आयोग ने उन्हें सलीम मलिक के साथ मैच फिक्सिंग का दोषी पाया था। मलिक की तरह रहमान पर भी आजीवन प्रतिबंध लगा था। वसीम अकरम पर भी 1990 के दशक में आरोप लगे थे। जस्टिस कय्यूम समिति ने उनके व्यवहार को संदिग्ध माना था। हालांकि उन्हें दोषी नहीं पाया गया, लेकिन उन पर निगरानी रखने को कहा गया था।
2010 में इंग्लैंड दौरे पर तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर ने स्पॉट फिक्सिंग की थी। क्रिकेट पर यह दाग लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान लगा था। इसके पीछे तत्कालीन कप्तान सलमान बट मास्टरमाइंड थे। उन्होंने आमिर और आसिफ से जानबूझकर नो-बॉल डालने को कहा था। एक अंग्रेजी अखबार ने स्टिंग ऑपरेशन कर तीनों को रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद आईसीसी ने सलमान बट पर 10 साल, मोहम्मद आसिफ पर 7 साल और आमिर पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया। इंग्लैंड की कोर्ट ने इन तीनों को सजा भी सुनाई। सलमान बट को 30 महीने और मोहम्मद आसिफ को 12 महीने जेल की सजा सुनाई गई।
पाकिस्तान के बेहतरीन लेग स्पिनरों में से एक दानिश कनेरिया पर 2009 में स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा था। उन्होंने एसेक्स काउंटी मैच में यह फिक्सिंग की थी। कनेरिया ने 2018 में अपनी गलती स्वीकार की थी। इसके बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। कनेरिया फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं।
पाकिस्तान के बल्लेबाज शरजील खान और उमर अकमल पर भी स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा था और आरोप साबित भी हुए थे। शरजील खान ने 2017 में पीएसएल में स्पॉट फिक्सिंग की थी, जिसके बाद उन पर 5 साल का बैन लगा था। उमर अकमल ने 2020 में पीएसएल में सट्टेबाजों से अपने संपर्क की जानकारी नहीं दी थी, जिसके लिए पीसीबी ने उन पर 3 साल का बैन लगाया था। तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान पर भी 2017 में इसी तरह के आरोपों में 1 साल का बैन लगा था।