राष्ट्रीय आयु धोखाधड़ी विरोधी संहिता 2025: खेलों में निष्पक्षता और पारदर्शिता की नई पहल
INDIA NEWS: युवा मामले और खेल मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय खेल आचार संहिता 2025’ (NCAAFS-2025) का मसौदा जारी किया है और इस पर आम जनता और संबंधित हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। इस संहिता का उद्देश्य भारतीय खेलों में निष्पक्षता बनाए रखना, आयु धोखाधड़ी को रोकना और खेल प्रशासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना है। […]
INDIA NEWS: युवा मामले और खेल मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय खेल आचार संहिता 2025’ (NCAAFS-2025) का मसौदा जारी किया है और इस पर आम जनता और संबंधित हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। इस संहिता का उद्देश्य भारतीय खेलों में निष्पक्षता बनाए रखना, आयु धोखाधड़ी को रोकना और खेल प्रशासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
आवश्यकता और पृष्ठभूमि
पिछली बार यह संहिता लगभग 15 वर्ष पूर्व संशोधित की गई थी। इस बीच खेलों में प्रतिस्पर्धा और तकनीकी विकास के साथ ही आयु धोखाधड़ी की घटनाएं भी सामने आईं। इसे रोकने के लिए मंत्रालय ने यह नया मसौदा तैयार किया है, जो आधुनिक तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
राष्ट्रीय खेल आचार संहिता 2025
मुख्य उद्देश्य
खेलों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
आयु निर्धारण के लिए केंद्रीकृत डेटाबेस और सख्त सत्यापन प्रणाली लागू करना।
आयु रिकॉर्ड में हेरफेर करने वालों के लिए कड़े दंड प्रावधान लागू करना।
खेल प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता लाना।
प्रमुख विशेषताएं
1. अनिवार्य आयु सत्यापन एवं डिजिटल रिकॉर्डिंग
प्रत्येक खिलाड़ी को पंजीकरण के दौरान तीन अनिवार्य दस्तावेज जमा करने होंगे।
सत्यापन के बाद खिलाड़ी की उम्र एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस में रिकॉर्ड होगी, जिसे भविष्य में बदला नहीं जा सकेगा।
2. चिकित्सा परीक्षण द्वारा आयु निर्धारण
संदेह की स्थिति में TW3 विधि, MRI स्कैन, हड्डियों का AI-आधारित परीक्षण और दंत परीक्षण द्वारा आयु निर्धारण किया जाएगा।
किसी भी विवाद की स्थिति में अपीलीय चिकित्सा पैनल के पास अपील करने की सुविधा होगी।
3. सख्त दंड प्रावधान
पहली बार दोषी पाए जाने पर खिलाड़ी को दो वर्षों के लिए निलंबित कर दिया जाएगा और उसकी उपाधियाँ वापस ले ली जाएँगी।
दूसरी बार दोषी पाए जाने पर आजीवन प्रतिबंध और कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी।
कोच और खेल अधिकारियों को भी निलंबित और प्रतिबंधित किया जाएगा।
4. व्हिसल-ब्लोअर (सूचना देने वाला) तंत्र
एक गोपनीय पोर्टल विकसित किया जाएगा, जहां लोग गुमनाम रूप से शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
ईमानदार जानकारी देने वालों को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई जाएगी।
5. आत्म-घोषणा (Amnesty Program) योजना
खिलाड़ियों को छह महीने की एकमुश्त माफी योजना का लाभ मिलेगा, जिसमें वे अपनी सही उम्र घोषित कर सकते हैं।
इस योजना का लाभ लेने वाले खिलाड़ियों का प्रदर्शन पुनः मूल्यांकित किया जाएगा और उन्हें सही आयु वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दिया जाएगा।
6. दो-स्तरीय अपील प्रणाली
यदि खिलाड़ी को चिकित्सा परीक्षण के परिणामों पर संदेह हो, तो वह पहले क्षेत्रीय अपीलीय पैनल और फिर केंद्रीय अपील समिति (CAC) के पास अपील कर सकता है।
7. खेल अखंडता अधिकारी (Integrity Officers)
प्रत्येक राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSFs) को Integrity Officers नियुक्त करने होंगे, जो नियमों के पालन की निगरानी करेंगे और उल्लंघन की रिपोर्ट करेंगे।
8. राष्ट्रीय डिजिटल डेटाबेस
एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल विकसित किया जाएगा, जो राष्ट्रीय खेल भंडार प्रणाली (NSRS) से जुड़ा होगा।
नाबालिग खिलाड़ियों की गोपनीयता को डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत सुरक्षित किया जाएगा।
9. QR-कोड युक्त पहचान पत्र
सत्यापन के बाद खिलाड़ियों को QR-कोड युक्त डिजिटल पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा, जो DigiLocker में उपलब्ध होगा।
10. सार्वजनिक पारदर्शिता और जवाबदेही
मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से नियमित अनुपालन रिपोर्ट मांगकर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
कौन-कौन होंगे प्रभावित?
यह मसौदा सभी खिलाड़ियों, कोचों, अधिकारियों, प्रशासकों और राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs), भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), खेल नियंत्रण बोर्डों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSUs), NGOs, और खेल संस्थानों पर लागू होगा।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए दिशानिर्देश
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह नीति अपनाने या अपनी नीतियाँ इसी के आधार पर विकसित करने का विकल्प दिया गया है, ताकि पूरे देश में एकरूपता बनी रहे। ‘राष्ट्रीय खेल आचार संहिता 2025’ भारतीय खेल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो खेलों में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा। सरकार ने सभी हितधारकों से 30 अप्रैल 2025 तक सुझाव देने की अपील की है, ताकि इस संहिता को और प्रभावी बनाया जा सके।