हल्द्वानी के मानसखंड तरणताल, गोलापार में 27 जनवरी को 38वें राष्ट्रीय खेल के तहत ट्रायथलॉन मिक्स्ड रिले का रोमांचक आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में खिलाड़ियों के जज्बे और जुनून ने हर किसी का दिल जीत लिया। जब मुकाबला खत्म हुआ, तो महाराष्ट्र की टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया और एक बार फिर साबित कर दिया कि जीत हमेशा मेहनत और तालमेल का ही नतीजा होती है।

महाराष्ट्र की सुनहरी टीम

पार्थ सचिन मिराजे, डॉली देविदास पाटिल, कौशिक विनय मलंदकर, और मानसी विनोद मोहिते की जोड़ी ने समय के साथ ऐसी रफ्तार पकड़ी कि कोई उन्हें रोक नहीं पाया। 02:12:06 का समय लेकर उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर सबको अपने कौशल का कायल बना दिया।

जीत के बाद मानसी ने कहा, “यह अनुभव हमारे लिए खास था। पहली बार गरम पानी में तैरने का मौका मिला, जो चुनौतीपूर्ण लेकिन अनोखा था। हमारे कोच और टीम के विश्वास ने हमें इस ऊंचाई तक पहुंचाया।”

मध्य प्रदेश और तमिलनाडु ने भी दिखाया दम

रजत पदक पर कब्जा जमाने वाली मध्य प्रदेश की टीम ने भी जोरदार मुकाबला किया। अंकुर चहर, दुर्विशा पवार, रोशन गोंड, और आध्या सिंह की इस टीम ने 02:12:41 का समय लेकर दूसरी पायदान पर जगह बनाई।
तमिलनाडु की टीम ने 02:14:08 के समय के साथ कांस्य पदक जीतकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया। उनकी टीम में आकाश पेरूमलसामी, कीर्ति एस, साई लोहिताक्ष के.डी, और आरती एस शामिल थीं।

महाराष्ट्र का दबदबा हर इवेंट में बरकरार

यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र ने अपनी काबिलियत का परचम लहराया। इंडिविजुअल ट्रायथलॉन में भी पार्थ सचिन मिराजे और डॉली देविदास पाटिल ने स्वर्ण पदक जीते। वहीं, मानसी विनोद मोहिते ने रजत और मध्य प्रदेश की आध्या सिंह ने कांस्य पदक अपने नाम किया।

दर्शकों के लिए यादगार पल

इस आयोजन ने दर्शकों को रोमांच और उत्साह से भर दिया। खिलाड़ियों का समर्पण और संघर्ष हर पल देखने लायक था। टीमों ने न केवल अपनी फिटनेस बल्कि बेहतरीन तालमेल और रणनीति का भी परिचय दिया।

खेलों के साथ नई ऊंचाईयों की ओर

ट्रायथलॉन मिक्स्ड रिले ने 38वें राष्ट्रीय खेल को और भी खास बना दिया। ऐसे आयोजन न केवल भारत में खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि युवाओं को प्रेरित भी करते हैं। महाराष्ट्र की यह जीत इस बात का सबूत है कि सही मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर हर चुनौती को पार किया जा सकता है।