पैरालंपिक समिति ऑफ इंडिया जो भारत में पैरा स्पोर्ट्स को विकसित और बढ़ावा देने वाली सर्वोच्च संस्था है ने ओटोबॉक हेल्थकेयर के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय पैरा एथलीट्स को उन्नत प्रोस्थेटिक तकनीक बेहतरीन कोचिंग और ग्रासरूट स्तर पर प्रतिभा विकास के अवसर प्रदान करना है

भारत में पिछले एक दशक में पैरा स्पोर्ट्स का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में भारत ने 29 पदक जीतकर इतिहास रच दिया लेकिन भारत में अभी भी कई प्रतिभाशाली पैरा एथलीट्स हैं जिन्हें उचित प्रशिक्षण और संसाधनों की आवश्यकता है ताकि वे वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकें

पैरा स्पोर्ट्स में प्रोस्थेटिक तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका

पैरा एथलीट्स के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रोस्थेटिक ब्लेड्स ऑर्थोटिक सपोर्ट्स और विशेष व्हीलचेयर्स उनके प्रदर्शन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन केवल अच्छे उपकरण ही काफी नहीं होते बल्कि निम्नलिखित चीजें भी आवश्यक हैं

  • उचित फिटिंग और प्रशिक्षण – प्रोस्थेटिक्स को एथलीट की आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित किया जाना चाहिए
  • सर्विस और रखरखाव – उपकरणों की नियमित देखभाल और मरम्मत आवश्यक है
  • खेल आयोजनों में सुविधा – प्रतियोगिताओं के दौरान ऑन साइट सपोर्ट की उपलब्धता
  • कोचों की ट्रेनिंग – कोचों को प्रोस्थेटिक उपकरणों के उपयोग और उनके अधिकतम लाभ के बारे में जानकारी देना

पीसीआई और ओटोबॉक पैरा एथलीट्स के लिए क्रांतिकारी सहयोग

आगामी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारतीय पैरा एथलीट्स को बेहतरीन संसाधन और सुविधाएं देने के लिए पीसीआई और ओटोबॉक ने दीर्घकालिक साझेदारी की है

  • ओटोबॉक की विशेषज्ञता – 1988 से ओटोबॉक आधिकारिक तकनीकी सेवा प्रदाता के रूप में पैरालंपिक खेलों का हिस्सा रहा है यह सहयोग अब भारतीय एथलीट्स के लिए नई संभावनाएं खोलेगा
  • स्थानीय पहुंच – भारत में 1998 से कार्यरत ओटोबॉक के 23 क्लीनिक और अनुभवी प्रोस्थेटिस्ट्स देशभर में पैरा एथलीट्स को बेहतरीन सेवाएं देंगे
  • विशेषज्ञ प्रशिक्षण कार्यक्रम – कोच और मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए विशेष स्पोर्ट्स प्रोस्थेटिक ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे एथलीट्स के प्रदर्शन को बेहतर किया जा सके

प्रमुख हस्तियों की राय

पीसीआई के सीईओ राहुल स्वामी ने इस सहयोग को लेकर कहा

यह साझेदारी भारतीय पैरा स्पोर्ट्स के लिए एक बड़ा बदलाव लाने वाली है ओटोबॉक की अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता के साथ हम एक संपूर्ण समर्थन प्रणाली तैयार कर रहे हैं जो ग्रासरूट से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक एथलीट्स का विकास सुनिश्चित करेगी

ओटोबॉक हेल्थकेयर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मैट्स फ्रैंक ने कहा

ओटोबॉक केवल तकनीक पर ध्यान केंद्रित नहीं करता बल्कि हम मानव क्षमता को अधिकतम करने की दिशा में काम कर रहे हैं इस सहयोग के माध्यम से हम भारतीय पैरा एथलीट्स को बेहतरीन प्रोस्थेटिक्स विशेष प्रशिक्षण और मानसिक रूप से मजबूत बनने की रणनीतियां प्रदान करेंगे

साझेदारी के अंतर्गत प्रमुख पहलें

  • प्रतिभा पहचान और विकास – पीसीआई और ओटोबॉक भारत के विभिन्न हिस्सों में स्क्रीनिंग इवेंट्स और टैलेंट हंट्स आयोजित करेंगे जिससे उभरते हुए पैरा एथलीट्स को पहचानकर उनकी मदद की जा सके
  • ऑन साइट तकनीकी सहायता – प्रमुख पैरा स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं के दौरान ओटोबॉक मुफ्त प्रोस्थेटिक ऑर्थोटिक और व्हीलचेयर मरम्मत सेवा प्रदान करेगा
  • पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट द्वारा विशेष प्रशिक्षण – दो बार के पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता हेनरिक पोपोव 10 पैरा एथलेटिक कोच और 5 प्रोस्थेटिस्ट्स को स्पोर्ट्स प्रोस्थेटिक्स तकनीक पर प्रशिक्षित करेंगे
  • रनिंग क्लिनिक – इस साझेदारी के तहत पहला रनिंग क्लिनिक आयोजित किया जाएगा जिसमें 15 चयनित पैर कटे हुए एथलीट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे अपनी स्प्रिंटिंग क्षमता को निखार सकें
  • पहली पहल शुरू – इस साझेदारी का पहला कार्यक्रम नई दिल्ली 2025 डब्ल्यूपीए ग्रां प्री प्रतियोगिता में तकनीकी सहायता और मरम्मत सेवाओं के रूप में सफलतापूर्वक लागू किया गया है

भारतीय पैरा स्पोर्ट्स के लिए नए अवसर

पीसीआई ओटोबॉक साझेदारी भारत में पैरा स्पोर्ट्स को एक नई दिशा देने वाली है अत्याधुनिक प्रोस्थेटिक समाधान विशेषज्ञ कोचिंग और बेहतरीन प्रशिक्षण प्रणाली के साथ यह पहल भारतीय पैरा एथलीट्स को वैश्विक स्तर पर सफलता दिलाने में मदद करेगी

ओटोबॉक के बारे में

1919 में स्थापित ओटोबॉक हेल्थकेयर प्रोस्थेटिक्स ऑर्थोटिक्स और गतिशीलता समाधान में वैश्विक अग्रणी है 1988 से पैरालंपिक खेलों के आधिकारिक तकनीकी सेवा प्रदाता के रूप में ओटोबॉक दुनिया भर के पैरा एथलीट्स को अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध करा रहा है भारत में 1998 से कार्यरत ओटोबॉक के 23 क्लीनिक देशभर में प्रोस्थेटिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं

पैरालंपिक समिति ऑफ इंडिया और ओटोबॉक की यह साझेदारी भारत में पैरा एथलीट्स के लिए नई उम्मीद लेकर आई है इससे ना केवल खिलाड़ियों को बेहतरीन तकनीक और समर्थन मिलेगा बल्कि भारत को पैरालंपिक खेलों में और अधिक सफलता प्राप्त करने में मदद मिलेगी