India News (इंडिया न्यूज), Vinesh Phogat: पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में यूक्रेनी खिलाड़ी ऑक्साना लिवाच को 7-5 से हराया। क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करने से पहले विनेश ने जापान की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता यूई सुसाकी को 3-2 से हराया। विनेश फोगाट ने क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीत लिया है। विनेश ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की उस्काना को 7-5 से हराया। विनेश अब महिलाओं की 50 किलोग्राम स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। विनेश फोगाट की इस सफलता पर टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पुनिया ने कहा कि इस लड़की को अपने देश में लात मारी गई और सड़कों पर घसीटा गया. वह दुनिया जीतने जा रही थी, लेकिन इस देश में सिस्टम से हार गई।
‘प्रदर्शन के दौरान हमारे बारे में बहुत कुछ कहा गया’
बजरंग पुनिया ने कहा कि हमें पहले से ही भरोसा था कि वह गोल्ड लाएगी। उन्होंने कहा कि जब हम जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब हमारे बारे में बहुत कुछ कहा गया, अब वे लोग कहां हैं? बजरंग ने पूछा कि अब उसे देश की बेटी कहा जाएगा या नहीं, अब उसे कोई कॉल आएगा या नहीं? बजरंग ने कहा कि जंतर-मंतर पर हमारे प्रदर्शन के दौरान सरकार के आईटी सेल और बृजभूषण सिंह ने बहुत कुछ कहा था। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट फाइनल भी जीतेगी।
‘हम अभी भी मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं’
बजरंग पुनिया ने कहा कि हम अभी भी मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं। विनेश अपनी सच्चाई के साथ लड़ रही थी, उसे खालिस्तानी और देशद्रोही तक कहा गया। जब कोई पदक जीतता है, तो वह देश की बेटी हो जाती है। विनेश ने बहुत संघर्ष किया है। लेकिन देशवासियों के आशीर्वाद से उसने सफलता हासिल की है। सर्जरी और प्रदर्शन के बाद उसने वापसी की है।
‘खिलाड़ियों को देनी होंगी सुविधाएं’
बजरंग ने कहा कि आज रात सेमीफाइनल होगा, जिसके बाद गोल्ड के लिए मुकाबला होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है, यही बात मैंने विनेश से भी कही है। साथ ही उन्होंने विनेश से कहा कि आपने जो ट्रेनिंग की है, उस पर ध्यान देते हुए प्रदर्शन करना है। कौन क्या कहता है, इस पर ध्यान मत दीजिए। उन्होंने कहा कि अगर हमें ओलंपिक पदकों की तालिका में तीसरे या चौथे नंबर पर आना है, तो खिलाड़ियों को चीन-अमेरिका जैसी सुविधाएं देनी होंगी। हमें खिलाड़ियों को सिर्फ तब याद नहीं रखना चाहिए, जब वे पदक जीत रहे हों। उससे पहले कोई याद नहीं रखता कि खिलाड़ी कहां ट्रेनिंग कर रहे हैं, क्या खा रहे हैं, उन्हें किन सुविधाओं की कमी है, लेकिन अब हर कोई फोटो खिंचवाने के लिए आगे आएगा।