राहुल कादियान:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच Ravi Shastri ने अपने आलोचकों पर निशाना साधा है। शास्त्री ने इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज रॉबर्ट से बातचीत के दौरान सलाह के तौर पर कहा है कि उन्हें ड्यूक गेंद की तरह ‘मोटी चमड़ी’ विकसित करने की जरूरत है, जिस तरह से उन्होंने जलने वाले लोगों का सामना किया था, रॉबर्ट को भी वही करना होगा। शास्त्री ने ब्रिटिश समाचार पत्र द गार्डियन को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत में जलने वाले लोगों का गुट था जो हमेशा चाहता था कि वह सफल न हों।
बिन डिग्री के कोच थे शास्त्री
रवि शास्त्री की तरह रॉबर्ट की भी लंबे समय तक एक चर्चित कमेंटेटर रहे हैं और उनके पास भी कोई कोचिंग डिग्री नहीं है। शास्त्री ने बताया मेरे पास भी कोई कोचिंग डिग्री नहीं थी। न ही लेवल एक, न ही लेवल दो। भारत जैसे देश में हमेशा आपसे जलने वाले लोग या लोगों का गुट होता है जो चाहता है कि आप विफल हो जाओ।
ख़राब प्रदर्शन की वजह से समाप्त हुआ करियर
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री का कार्यकाल 2021 टी20 विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद समाप्त हो गया था। 2017 में शुरू हुए उनके सफर का यह निराशाजनक अंत था. बतौर कोच उनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट ने काफी ऊंचाईयां हासिल की।
विराट कोहली एंड कंपनी ने क्रिकेट के हर फॉरमेट में दबदबा बनाया, लेकिन वह एक ऐसा वक्त भी था जहां भारतीय टीम तीन बार आईसीसी ट्रॉफी जीतने में असफल रही। हालांकि द्विपक्षीय सीरीज़ में शास्त्री ने टीम को अलग मुक़ाम पर पहुँचा दिया था।
टीम को बाहर जाकर जीतना सिखाया
शास्त्री ने पहली बार 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे से 2015 विश्व कप तक आठ महीनों के लिए टीम के निदेशक के रूप में भारतीय टीम की कमान संभाली थी। जिसके बाद उनकी जगह भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को कोच बना दिया गया था, लेकिन जल्द ही शास्त्री एक बार फिर से जुलाई 2017 में टीम के मुख्य कोच के रूप में वापस आ गए।
ऐसा बताया गया कि कोच कुंबले के साथ टीम के खिलाड़ी सहज नही महसूस कर रहे। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत (2018-19) शास्त्री के करियर में बतौर कोच एक मील का पत्थर था। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उनके ही घर में टेस्ट सीरीज़ में हराकर पहली एशियाई टीम बनने इतिहास रच दिया था।
Ravi Shastri
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