Sports Policy Haryana हरियाणा खेल नीति पूरी दूनिया में बन रही नजीर

Sports Policy Haryana 
खेल नीति के दम पर दो प्रतिशत आबादी वाला हरियाणा दे पदकों की 90 प्रतिशत उम्मीद

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़
Sports Policy Haryana: देश में हरियाणा की गिनती भले ही छोटे प्रदेशों में गिनी जाती हो मगर खेलों में नाम बड़ा है। हालत यह है कि देश में हरियाणा की आबादी में हिस्सेदारी मात्र दो प्रतिशत है मगर किसी भी अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में पदकों की उम्मीद हमसे 90 प्रतिशत रहती है। आज हरियाणा के खिलाड़ियों का दमखम देखकर व प्रदेश की खेलनीति का जो परिणाम पूरी दूनिया देख रही है वह दूसरे प्रदेशों के लिए ही नहीं बल्कि तीन दर्जन देश भी उसका अनुसरण करने लिए तैयारी कर रहे हैं।

टोक्यो ओलंपिक में एकमात्र गोल्ड हरियाणा के नीरज को मिला। इसके अलावा रवि दहिया ने कुश्ती में रजत और बजरंग पूनिया कांस्य जीता। हॉकी में भी महिलाओं की टीम में हरियाणा की हिस्सेदारी पूरे देश में चर्चा का विषय रहती है। इस पूरी कामयाबी के पीछे अगर साफ कहा जाए तो प्रदेश की खेल नीति एक मजबूत स्तंभ बनी हुई है। पैरालंपिक में प्रदेश के खिलाड़ियों ने धाक जमाई है। टोक्यो में 54 खिलाड़ी गए । जिन्‍होंने 19 पदक हासिल कर प्रदेश व देश का नाम रोशन किया ।
दूसरे राज्यों के लिए नजीर है हरियाणा की खेल नीति (Sports Policy Haryana)
खेल और खिलाडि़यों को प्रोत्‍साहन देने की नी‍ति दूसरे राज्‍यों के लिए नजीर बन गई है। अब देश के दूसरे राज्यों के खिलाड़ी व सांसद व मंत्री हरियाणा की खेल नीति अपने अपने राज्यों में लागू करने की मांग उठा रहे हैं। यहां तक की लोकसभा में तो पूरे देश में ही हरियाणा की खेल नीति को लागू करने मामला भी आ चुका है।

सबसे अधिक भागेदारी हरियाणा की (Sports Policy Haryana)

दो फीसदी आबादी वाले हरियाणा की 25 प्रतिशत खेलों में हिस्सेदारी रहती है। इनमें विशेषतौर से कुश्ती, हॉकी, मुक्केबाजी, कबड्डी शामिल हैं। अब तो टेनिस, एथलेटिक्स और निशानेबाजी में भी हरियाणा के युवा  धाक जमा चुके हैं। इस बार ओलंपिक दल में शामिल 127 में से 31  हरियाणा के खिलाड़ी रहे। इन्होंने आठ विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। पुरुष हाकी टीम में हरियाणा के दो खिलाड़ी सुरेंद्र सिंह और सुमित कुमार हैं।
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि ओलंपिक की छह व्यक्तिगत खेल प्रतिस्पर्धाओं में भारत ने पदक जीते हैं और इनमें से भी तीन में हरियाणा के खिलाड़ी जीते हैं। भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण, कुश्ती में रवि दहिया ने रजत तो बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता है। पदकों की इस उपलब्धि में हरियाणा की खेल प्रोत्साहन नीति भी एक बड़ा कारण है। खेल नीति खिलाड़ियों को मौका देने के अलावा बेहतर प्रशिक्षण भी देती है। आíथक सहयोग भी देती है। दुष्यंत ने कहा कि नीरज चोपड़ा ने तो कमाल कर दिया है।
ये है सरकार की नीति, ऐसे मिलती है सरकारी नौकरी (Sports Policy Haryana)

खास बात यह है कि हरियाणा में गत वर्ष खेल बजट में 202 फीसद की बढ़ोतरी की गई। ओलिंपिक, पैरा ओलिंपिक, यूथ ओलिंपिक, चार वर्ष में होने वाली व‌र्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, पैरा एशियन, यूथ एशियन गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स (पैरा एथलीट) के पदक विजेताओं को नकद राशि के अलावा सरकारी नौकरी भी दी जाती है।

खेल विभाग खिलाड़ी का खेल में उपलब्धि के आधार पर ग्रेड तय करता है। ए ग्रेड का खिलाड़ी हरियाणा में के सभी ग्रुपों में नौकरी का योग्य होगा। बी ग्रेड का खिलाड़ी ए के अलावा अन्य सभी ग्रुपों में नौकरी के लिए योग्य होगा। सी ग्रेड का खिलाड़ी हरियाणा में सभी सी व डी ग्रेड की नौकरियों के लिए योग्य होगा। डी ग्रेड का खिलाड़ी केवल डी ग्रुप की नौकरियों के लिए योग्य होगा।

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खेल नर्सरियों से होगी शुरूआत,पांच सौ के लगभग हो चुकी तैयार इन्ही से होगी पेरिस की तैयारी  (Sports Policy Haryana)

हरियाणा में करीब 440 खेल नर्सरियां स्थापित हैं, इनमें से करीब 400 चल रही हैं। यहां एक ही जगह पर हर तरह की खेल की सुविधाएं मिलती हैं। राज्य में 232 मिनी स्टेडियम और 21 जिला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और दो प्रदेश स्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स हैं। ये अंतरराष्ट्रीय स्तर के कॉम्प्लेक्स हैं, यहां 350 से ज्यादा कोच तैनात हैं। इसके साथ ही साई के सबसे ज्यादा 22 सेंटर प्रदेश में हैं और उत्तर क्षेत्र का सेंटर भी यहां है।  टोक्यो ओलंपिक के बाद सरकार का सारा ध्यान पेरिस ओलंपिक पर है। सरकार ने इसके लिए लगभग 200 नए कोच लगाने की तैयारी की है। इसके अलावा डाइट विशेषज्ञों को भी लगाया जाएगा। खेल नर्सरियों की संख्या 1000 तक करने का प्रयास है।

ये मिलती है इनामी राशि  (Sports Policy Haryana)

हरियाणा में स्कूली स्तर से ही मेडल जीतने पर सरकार इनामी राशि देती है। नेशनल स्कूल गेम्स व खेलों इंडिया के पदक विजेताओं को 20-50 हजार, सैफ जूनियर के पदक विजेताओं को 50 हजार से डेढ़ लाख तक, सैफ गेम्स में पदक जीतने पर 2-5 लाख, एशियन चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को 3-5 लाख, कॉमनवेल्थ के पदक विजेताओं को 50 लाख से डेढ़ करोड़ का इनाम दिया जाता है। इसके अलावा एशियन गेम्स के पदक विजेताओं को 75 लाख से तीन करोड़, ओलंपिक में पदक जीतने पर 2.5 करोड़ से छह करोड़ का इनाम मिलता है। इसके अलावा ओलंपिक की तैयारी के लिए खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये दिए जाते हैं।

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