खेल

दुनिया के 90 से अधिक देशों के अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल के पदाधिकारियों ने लिया पाइथियन खेलों को बचाने का संकल्प

इंडिया न्यूज, New Delhi : मॉडर्न पाइथियन खेलों के संस्थापक बिजेंदर गोयल ने कहा कि मॉडर्न पाइथियन खेल दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के पास इस तरह के ऐतिहासिक और प्राचीन खेलों के बौद्धिक संपदा अधिकार पहली बार आए हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह पाइथियन खेलों को बचाने के लिए उसी तरह से बढ़ावा दें, जिस तरह से स्विट्जरलैंड ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को प्रायोजित और संरक्षित किया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में इन खेलों के अपेक्षित परिणाम ओलंपिक खेलों से बेहतर होंगे। भारत में प्राचीन पाइथियन खेलों को पुनर्जीवित कर उनका आधुनिक पाइथियन खेलों के रूप में पुनरुद्धार किए जाने की जानकारी साझा करने के लिए इंटरनेशनल पाइथियन काउंसिल द्वारा गुरुवार को ली मेरिडियन होटल (सॉवरेन 2) में पहले वैश्विक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

खेल के कानूनी ढांचे को स्थापित किया जाए

ग्लोबल मीडिया को संबोधित करते हुए बिजेंदर गोयल ने कहा कि अब समय आ गया है कि दुनिया भर में इस खेल के कानूनी ढांचे को स्थापित किया जाए। साथ ही सभी राष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल और अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल के लिए शासी निकायों को नामित कर कला और सांस्कृतिक गतिविधियां शुरू की जाए।
गोयल ने बताया कि पाइथियन खेल हर चार साल में आयोजित किए जायेंगे। इसके लिए किसी भी राष्ट्रीय या राज्य परिषद को उनकी मेजबानी करने के लिए बोली लगाने की अनुमति दी जाएगी।

खेल, त्यौहार और अन्य गतिविधियां आठ मुख्य रचनात्मक क्षेत्रों में होंगी, जिसमें संगीत, प्रदर्शन कला, दृश्य कला, सामाजिक और पारंपरिक कला, भाषा और साहित्यिक कला, वास्तुकला और पारिस्थितिकी, रोबोटिक्स और डिजिटल कला, मार्शल आर्ट, मनोरंजन, एडवेंचर, ई-स्पोर्ट्स, एयर स्पोर्ट्स और पारंपरिक खेलों के साथ-साथ रचनात्मक रूपों को वापस लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2027 में पहला पाइथियन गेम्स, 2025 में जूनियर पाइथियन गेम्स और 2024 में पैरा पाइथियन गेम्स आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है।

इस दौरान तमिलनाडु पाइथियन काउंसिल के अध्यक्ष डॉ के विजयराज, तेलंगाना के पूर्व मंत्री एवं आईएएस अधिकारी रामचंद्रू तेजवथ, दिल्ली के पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त संजय श्रीवास्तव, हरियाणा के पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त दलीप सिंह, भारतीय पाइथियन गेम्स के अध्यक्ष बी एच अनिल कुमार, तमिल रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक एस शिवकुमार, दिल्ली पाइथियन काउंसिल के अध्यक्ष साहिल सेठ और मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक चार्ल्स मार्टिन मौजूद रहेंगे।

इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल के पहले अध्यक्ष पैनोस काल्त्सिस, अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल की उपाध्यक्ष ज़ोई लाफिस, यूरोपीय पत्रकार संघ की अध्यक्ष साया त्सोसिडी, लैंग्वेज, लिटरेरी और आर्ट कमेटी की चेयर पर्सन मिस इसिलिडान्योज, अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल की अतिरिक्त महासचिव लेना किरोपोलस, अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल के उप सचिव ओरहन गजोलस (यूरोप), अंतरराष्ट्रीय पाइथियन काउंसिल की उपाध्यक्ष हुडा (आफ्रिका), अफ्रिका की राणी रिएन नादिया हरिहिरी, नाइजेरिया की राणी डॉ ओयेनिकेबाबेमी, इंडोनेशिया के महाराजा सामू सामू बेनी अहमद, सुल्तान ऑफ सुलु (फिलीपींस) और फ्रांस के राजकुमार यानिक सहित 90 से अधिक देशों के पदाधिकारी वर्चुएल रूप से जुडेंगे।

पाइथियन खेल की पृष्ठभूमि

पाइथियन खेलों की ऐतिहासिक समय सीमा 582 ईसा पूर्व में शुरु हुई। मॉडर्न पाइथियन खेलों के संस्थापक बिजेंदर गोयल के अनुसार कला और संस्कृति के मामले में पाइथियन खेल भी ओलंपिक खेलों जैसे ही है। यह ओलंपिक के साथ-साथ पैन-हेलेनिक खेलों का हिस्सा रहा है। कुश्ती, रथ दौड़, संगीत, नृत्य, कविता आधि पाइथियन खेलों का हिस्सा थे। 394 ईस्वी के बाद सभी पैन हैलेनिक खेलों को बंद कर दिया गया। इसके बाद 1894 में पाइथियन खेलों को फिर से शुरु किया गया, लेकिन बंद होने के बाद उन खेलों को पुनर्जीवित नहीं किया गया था।

गोयल बताते है कि पाइथियन खेलों को ओलंपिक के बाद दूसरे स्थान पर रखा गया था। ओलंपिक के विपरित, पाइथियन खेलों में कला और नृत्य के लिए प्रतियोगिताएं भी शामिल थी, जो खेलों के एथलेटिक हिस्से को पूर्व दिनांकित करती थी और महिलाओं को कुछ आयोजनों में भाग लेने की अनुमति थी। विजेताओं को पहले थिसली में टेम्पे शहर से अपोलो के लिए पवित्र बे लॉरेल की पुष्पांजलि प्राप्त हुई। पाइथियन खेलों के छोटे संस्करण लेवेंट और ग्रीस के कई अन्य शहरों में भी मनाए गए, लेकिन दुर्भाग्य से पाइथियन खेलों को कवर करने वाले प्रशंसा पत्र और दस्तावेज बच नहीं सके, क्योंकि हिंसा और प्राकृतिक आपदाओं के कारण वे नष्ट हो गए।

प्राचीन ओलंपिक का आधिकारिक आयोजन ग्रीस के ओलंपिया में 776 ईसा पूर्व में हुआ था, लेकिन इसे ग्रीस के एथेंस में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों के रुप में आयोजित होने में 1503 साल लग गए। प्राचीन ओलंपिक खेल ओलंपिया, ग्रीस में 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईस्वी तक आयोजित किए गए थे। 1894 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) का निर्माण हुआ, जिसके बाद वर्ष 1896 में पहली बार आधुनिक खेलों का आयोजन ग्रीस की राजधानी एथेंस में हुआ।

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Mehak Jain

Mehak Jain is a Sub Editor at India News.in covering beats such as information, business, city news, tech News Related To Unique stories and more. She can be seen reading and writing, or sometimes doodling her thoughts on the canvas. She is also passionate about photography and enjoys bike rides to picturesque locations.

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