India News (इंडिया न्यूज), Travis Head: टीम इंडिया के लिए ट्रैविस हेड नाम का सिरदर्द दूर नहीं हो रहा है। पिछले डेढ़ साल से भारत के खिलाफ कई बड़े मैचों में कमाल की पारियां खेलने वाले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने फिर अपना जलवा दिखाया है। एडिलेड में खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के दूसरे दिन ट्रैविस हेड ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए भारत के खिलाफ एक और शतक जड़ा। इस दौरान ट्रैविस हेड को टीम इंडिया का साथ भी मिला, जिसने शतक से ठीक पहले 7 गेंदों के अंदर कैच के दो मौके गंवाए।
लबुशेन के बाद संभाली कमान
मैच के दूसरे दिन ट्रैविस हेड अपने घरेलू मैदान एडिलेड ओवल में पहले सेशन में बल्लेबाजी करने उतरे। बाएं हाथ के बल्लेबाज हेड ने 3 विकेट गिरने के बाद क्रीज पर कदम रखा। इस समय टीम का स्कोर 103 रन था और जसप्रीत बुमराह अपना जलवा दिखा रहे थे। शुरुआत में संभलकर खेलते हुए हेड ने मार्नस लाबुशेन के साथ मिलकर टीम को संभाला और भारत के स्कोर के करीब ले गए। इस दौरान लाबुशेन आउट हो गए लेकिन हेड ने पहले सेशन में ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया।
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घरेलू मैदान पर लगाया तीसरा शतक
लंच के बाद दूसरे सेशन में ट्रैविस हेड ने अटैक किया और महज 111 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया। उन्होंने अपना शतक पूरा करते हुए 10 चौके और 3 छक्के लगाए थे। ट्रैविस हेड के करियर का यह 8वां और भारत के खिलाफ दूसरा टेस्ट शतक है। इससे पहले उन्होंने पिछले साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी भारत के खिलाफ शतक लगाया था। वहीं, अपने घरेलू मैदान पर यह उनका तीसरा शतक है और यह और भी खास है। सबसे पहले तो वे कुछ दिन पहले ही पिता बने थे। दूसरी बात, मैच के दूसरे दिन उनका शतक देखने के लिए मैदान पर 50 हजार से ज्यादा दर्शक मौजूद थे, जिसमें उनकी पत्नी और उनके बच्चे और दोस्त भी शामिल थे।
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7 गेंदों में दो बार मिला जीवनदान
हेड की बल्लेबाजी जितनी मजबूत थी, उतनी ही उनकी किस्मत भी। कई बार गेंद से धोखा खाने के अलावा उन्हें दो बार जीवनदान भी मिला, वह भी शतक से ठीक पहले। हेड जब 76 रन पर थे, तब उन्होंने रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर ऊंचा शॉट खेला। सिराज ने मिड-ऑन से पीछे की ओर दौड़ लगाई और लंबी डाइव भी लगाई, लेकिन वे कैच नहीं पकड़ पाए। हालांकि यह मुश्किल कैच था, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में यह एक ऐसा मौका था जो बड़ी मुश्किल से मिला था।
फिर अगले ओवर में हर्षित राणा की गेंद पर हेड ने कट शॉट खेला और गेंद बल्ले के किनारे को छूती हुई गई, लेकिन गेंद विकेटकीपर और दूसरी स्लिप के बीच से निकल गई। यह पहली स्लिप पोजिशन पर कैच था, लेकिन वहां कोई फील्डर नहीं था और गेंद 4 रन के लिए चली गई। पंत ने डाइव लगाकर इसे पकड़ने की कोशिश भी नहीं की और इस तरह हेड को 7 गेंदों में 2 बार जीवनदान मिला, जिसकी सजा उन्होंने शतक बनाकर खुद को दी।