UAE Ground’s Pitch Report
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
दुबई में टी-20 वर्ल्ड कप की शुरूआत हो चुकी है। अभी यहां क्वालीफाई मैच हो रहे हैं जबकि 23 अक्टूबर से यहां सुपर-12 के मुकाबले होंगे। भारत का पहला मुकाबला 24 अक्टूबर को दुबई के मैदान पर चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ है। भारत टी20 वर्ल्ड कप में कभी भी पाकिस्तान से नहीं हारा है।
दोनों के बीच 5 बार मुकाबला हुआ है और पांचों बार भारत ही जीता है। लेकिन भारत की निगाहें सिर्फ पाकिस्तान पर ही नहीं बल्कि पूरे टूर्नामेंट जीतने पर है। खासतौर पर तब, जब कप्तान कोहली की अगुवाई में यह उनका आखिरी टी20 वर्ल्ड कप होगा। भारतीय टीम को यदि यह टी20 चैम्पियशिप जीतनी है तो उन्हें दुबई के मैदान और पिच पर खुद को ढालना होगा, क्योंकि इस चैम्पियशिप के सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले इसी मैदान पर होंगे।
भारत को अपने 4 लीग मैच भी इसी मैदान पर खेलने हैं। आइए अब आपका बताते हैं यूएई में किन-किन मैदानों पर भारत के मैच होंगे और उनकी पिच रिपोर्ट क्या है, किस ग्राउंड की पिच भारत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगी?
दुबई इंटरनेशनल ग्राउंड की पिचें धीमी हैं। यहां स्पिनरों के मुकाबले तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा रहा है। वहीं औसतन स्कोर की बात करें तो यहां आईपीएल के पिछले दो सीजन में 150-160 के बीच ही ज्यादा स्कोर बनें हैं। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह की भूमिका इन पिचों पर काफी अहम होने वाली है।
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शारजाह की पिच बल्लेबाजों के लिए मानी जाती है। इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान होता है, अत: यहां स्कोर भी बड़ा बनता है। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो इस मैदान पर अपनी स्पीड को लगातार बदलने वाले गेंदबाजों को अधिक सफलता मिली है। यहां स्पिनरों और तेज गेंदबाज का इकोनॉमी रेट 6.79 और 6.92 रहा है। यहां पर भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा, विराट कोहली और हार्दिक पांडया को बड़े हिट लगाने में आसानी रहने वाली है।
अबू धाबी की पिच भी शारजाह जैसी है और यहां भी बल्लेबाजों को पिच से काफी मदद मिलती है। लेकिन यह मैदान दुबई और शारजाह से काफी बड़ा है। इसलिए यहां बाउंड्री कम ही लगती है। वहीं इस मैदान पर स्पिनरों का औसत प्रति विकेट 33 रन है जबकि तेज गेंदबाजों का औसत प्रति विकेट 29 रन है।
अत: स्पिनरों को इस मैदान पर ज्यादा मदद नहीं मिलने वाली। लेकिन यहां रात के मैचों में ओस अधिक होगी। इसलिए दोपहर और शाम के मैच बहुत अलग होंगे। ओस की वजह से रात वाले मैचों में सेकंड पारी वाली टीम के लिए मुश्किल हो सकता है।