India News (इंडिया न्यूज), Vinesh Phogat Rajya Sabha: विनेश फोगाट को फाइनल मैच से पहले 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण अयोग्य घोषित होने के बात गोल्ड का साथ छोड़ना पड़ा। जिसके बाद से कई लोग विनेश के समर्थन में आ गए और उनके लिए सिल्वर पदक की मांग कर रहे हैं। भारत में भी कई लोगों की मांग उठ रही है कि विनेश को राज्यसभा भेजा जाए। लेकिन इस बीच कई सवाल सवाल हैं जो लोगों के जेहन में उठ रहे हैं उनमें ये एक ये है कि राज्यसभा भेजने की मांग क्या पूरी हो सकती है। आपको बता दें कि ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में पहुंच कर विनेश ने रिकॉर्ड बनाया क्योंकि ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला पहलवान थी। हालांकि फाइनल मुकाबले से पहले जब उनका वजन हुआ वो तय सीमा से 100 ग्राम बढ़ा हुआ पाया गया। जिसके कारण वो डिसक्वालीफाई हो गईं।
- पेरिस ओलंपिक से क्यों बाहर हुई विनेश फोगट?
- फोगाट ने दायर की याचिका
- भूपिंदर हुड्डा और बनर्जी के बयान
पेरिस ओलंपिक से क्यों बाहर हुई विनेश फोगट?
पेरिस ओलंपिक में भारतीय प्रशंसकों को उस समय बड़ा झटका लगा जब पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश फोगाट 50 किलोग्राम महिला कुश्ती वर्ग के फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन सेमीफाइनल जीतने के बाद जब उनका वजन मापा गया तो वह निर्धारित सीमा से ज्यादा पाया गया। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि पहले मुकाबले से पहले जब विनेश का वजन तोला गया तो वह 50 किलोग्राम से कम था, लेकिन सेमीफाइनल जीतने के बाद यह वजन 52 किलोग्राम को पार कर गया।
फोगाट ने दायर की याचिका
विनेश फोगाट ने भी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपनी याचिका दायर की। यह कोर्ट कैसे और क्या काम करता है, यह जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया और उन्होंने कोर्ट में क्या अपील की।
भूपिंदर हुड्डा और बनर्जी के बयान
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा ने अपना बयान दिया था कि अगर ‘राज्य में कांग्रेस बहुमत होती तो वो विनेश फोगाट को राज्यसभा भेज देता। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि, अभी हरियाणा में एक सीट खाली है, अगर मेरे पास बहुमत होता तो मैं उन्हें राज्यसभा भेज देता।’
इतना ही नहीं टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी कह डाला था कि विनेश फोगाट को या तो भारत रत्न से सम्मानित किया जाए या फिर उन्हें राज्यसभा भेजा जाए।
इन सबके बीच विनेश के ताऊ महावीर फोगाट ने इसे राजनीतिक जुमलेबाजी करार दिया। कहा कि ‘आज भूपिंदर हुड्डा विनेश को राज्यसभा भेजने की बात कर रहे हैं, लेकिन जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने गीता को क्यों नहीं भेजा। आगे कहते हैं कि ‘उस समय हुड्डा सरकार थी। गीता और बबीता को डीएसपी बनाया जाना था, लेकिन हुड्डा साहब ने भेदभाव किया और गीता को इंस्पेक्टर और बबीता को सब-इंस्पेक्टर बना दिया’।
उम्र को लेकर पेंच फंसेगा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हरियाणा में दीपेंदर सिंह हुड्डा के लोकसभा जाने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई है। चुनाव के लिए 14 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी होने वाले हैं। वहीं नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय है। इसलिए माना जा रहा है कि विनेश फोगाट की उम्र पेंच फंस सकता है।
इसलिए क्योंकि कोई शख्स राज्यसभा का सदस्य तभी बनने योग्य माना जाता है जब उसकी उम्र 30 साल या उससे ज्यादा होती है। फिलहाल विनेश 29 साल की हैं। 25 अगस्त को वो 30 साल की हो जाएंगी। समय के अनुसार चाह कर भी वो इस बार राज्यसभा के लिए नामांकन नहीं कर पाएंगी। कोभी पार्टी अगर ऐसा करना भी चाहेगी तो नहीं कर पाएंगी क्योंकि उनकी उम्र बीच में आ रही है। यहां विनेश महज 4 दिन से चूक जाएंगी।
राष्ट्रपति भेज सकती हैं विनेश को राज्यसभा?
अगर नियमों पर नजर डालें तो देश के राष्ट्रपति के पास इतनी ताकत होती है कि वो योग्य व्यक्ति को राज्यसभा का मेंबर चुन सकें। राज्यसभा के 245 में से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति के पास मनोनीत करने का अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद 80(3) ही ये अधिकार प्रदान करता है। ऐसे सदस्य जिनके जो साहित्य, विज्ञान, कला जैसे क्षेत्रों का अनुभव रखते हैं उन्हें राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।
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12 सदस्यों मनोनीत सदस्यों में से ऐसे चार सदस्य हैं जिनका कार्यकाल 13 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राम शकल, राकेश सिन्हा, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी वो सदस्य हैं। बाकी आठ सदस्यों का कार्यकाल को खत्म होने में अभी वक्त है।
ऐसे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चार सदस्यों को मनोनीत करने वाली हैं। राष्ट्रपति के पास इतनी ताकत होती है कि केंद्र सरकार की सलाह पर वो किसी को मनोनीत कर सके। ऐसे में वो अगर चाहें तो विनेश फोगाट को मनोनीत कर सकती हैं।
राज्यसभा सदस्य बनने के लिए योग्यता
अगर आप राज्यसभा का सदस्य बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इन पैमानें पर खड़ा उतरना होगा;
– भारत का नागरिक होना आवश्यक।
-उम्र 30 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
– जिस राज्य से राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित हो, आप वहीं का रहने वाले हों।