India News (इंडिया न्यूज), Concussion Substitute Replacement Rule: भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टी20 मैच में एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया। दरअसल शिवम दुबे चोटिल हो गए, उनकी जगह हर्षित राणा को शामिल किया गया, जिन्होंने मैच में 3 विकेट लिए। चूंकि शिवम दुबे ऑलराउंडर हैं, तो हर्षित राणा गेंदबाज हैं। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर इस तरह के रिप्लेसमेंट से बिल्कुल भी खुश नहीं थे। बटलर ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में साफ तौर पर कहा था कि वह गेंदबाज की जगह ऑलराउंडर को लाने के फैसले से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। क्या बटलर का यह कहना सही है? आइए जानते हैं कि ICC का ‘कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल’ क्या कहता है और इसे कैसे लागू किया जाता है?
कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल क्या है?
ICC के नियमों में नियम 1.2.7.3 कहता है कि ICC मैच रेफरी कन्कशन रिप्लेसमेंट की मांग को तभी मंजूरी दे सकता है, जब ‘लाइक फॉर लाइक’ रिप्लेसमेंट किया गया हो। अगर इसका मतलब आसान भाषा में समझें तो गेंदबाज की जगह गेंदबाज और बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज होना चाहिए। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि रिप्लेसमेंट के बाद टीम को कोई फायदा न मिले। इसके अलावा नियम 1.2.7.7 कहता है कि मैच रेफरी द्वारा लिया गया कन्कशन रिप्लेसमेंट का नियम अंतिम होता है और कोई भी टीम इसके खिलाफ अपील नहीं कर सकती।
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कन्क्शन सब्सटीट्यूट नियम कैसे लागू होता है?
कन्क्शन सब्सटीट्यूट नियम तभी लागू हो सकता है जब कोई खिलाड़ी मैच खेलते समय कन्कशन का शिकार हो जाए। टीम सब्सटीट्यूट की मांग तभी कर सकती है जब खिलाड़ी को खेलना जारी रखने के लिए अनफिट घोषित कर दिया जाए। टीम मैनेजमेंट को आईसीसी मैच रेफरी के सामने कन्कशन रिप्लेसमेंट की मांग रखनी होती है, जिसमें चोट के बारे में पूरी जानकारी लिखी होनी चाहिए। मेडिकल जांच रिपोर्ट से लेकर जिस खिलाड़ी को रिप्लेस किया जाना है उसका नाम तक रिपोर्ट में शामिल होना चाहिए। टीम मैनेजमेंट को घटना के बाद जल्द से जल्द मैच रेफरी के सामने रिप्लेसमेंट की मांग रखनी होती है। यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई जाती है ताकि रिप्लेसमेंट से टीम को ज्यादा फायदा न हो।