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योगासन को ओलंपिक 2036 में मुख्य खेलधारा में जोड़ा जाए: केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया ऐतिहासिक प्रस्ताव का ऐलान

भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा के महत्वपूर्ण हिस्से, योग को जब खेलों की दुनिया में “योगासन” के रूप में वैश्विक मंच पर स्थान मिला, तो पूरे देश ने गर्व महसूस किया। केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इंदिरा गांधी स्टेडियम, दिल्ली में आयोजित द्वितीय एशियन योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप के उद्घाटन पर […]

BY: Ashvin Mishra • UPDATED :
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भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा के महत्वपूर्ण हिस्से, योग को जब खेलों की दुनिया में “योगासन” के रूप में वैश्विक मंच पर स्थान मिला, तो पूरे देश ने गर्व महसूस किया। केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इंदिरा गांधी स्टेडियम, दिल्ली में आयोजित द्वितीय एशियन योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप के उद्घाटन पर यह ऐतिहासिक प्रस्ताव रखा कि योगासन को आगामी ओलंपिक्स 2036 में शामिल किया जाए।

योगासन को वैश्विक मंच पर मान्यता देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम

यह आयोजन, जो भारत और एशियन योगासन फेडरेशन द्वारा आयोजित किया गया, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), दिल्ली सरकार और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से हुआ। इस चैंपियनशिप को देश-विदेश से भरपूर सराहना और समर्थन मिल रहा है।

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डॉ. मांडविया का बयान: योगासन को ओलंपिक में शामिल करने का विश्वास

डॉ. मांडविया ने उद्घाटन के दौरान कहा, “योगासन का प्रकाश विश्वभर में फैल चुका है, और मुझे विश्वास है कि निकट भविष्य में योगासन को ओलंपिक में एक मान्यता प्राप्त खेल के रूप में देखा जाएगा।” उन्होंने इसे भारत की गौरवमयी सांस्कृतिक और खेल यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

बाबा रामदेव ने योगासन के महत्व पर जताया समर्थन

चैंपियनशिप में कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें बाबा रामदेव, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव, संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे प्रमुख थे। बाबा रामदेव ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, “योगासन एक ऐसा खेल है जो संयम का प्रतीक है और युवाओं को एक विवेकपूर्ण जीवनशैली की नींव प्रदान करता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने भी दी योगासन को ओलंपिक में स्थान देने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल को समर्थन देते हुए कहा, “आज के युग में जहां अधिकांश खेल चकाचौंध और ग्लैमर से प्रभावित हैं, योगासन का उद्देश्य शारीरिक और मानसिक समृद्धि है। यह भारत का एक महत्वपूर्ण योगदान है जिसे पूरी दुनिया को स्वीकार करना चाहिए।”

एक सांस्कृतिक उत्सव बनकर उभरी योगासन चैंपियनशिप

इस आयोजन ने न केवल योगासन को एक खेल के रूप में प्रस्तुत किया, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी मनाया गया। विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने अपनी सांस्कृतिक धुनों पर प्रस्तुति दी, और दर्शकों ने उन्हें उत्साहपूर्वक प्रोत्साहित किया।

वैश्विक एकता का प्रतीक बने योगासन, 2026 एशियन गेम्स में शामिल होगा डेमो स्पोर्ट के रूप में

एशियन योगासन के अध्यक्ष डॉ. संजय मालपानी और वर्ल्ड योगासन के महासचिव डॉ. जयदीप आर्य ने इस आयोजन को योगासन के वैश्विक भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया। 20 से अधिक एशियाई देशों से आए 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भारत में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत और बेहतरीन प्रबंधों के लिए आभार व्यक्त किया।

2026 के एशियन गेम्स में योगासन को डेमो स्पोर्ट के रूप में शामिल किया जाना योगासन के वैश्विक आंदोलन की शुरुआत है और इस प्रक्रिया के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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