UP lady constable meenakshi sharma
UP Lady Constable Meenakshi Sharma: रणवीर सिंह, संजय दत्त, अक्षय खन्ना और सारा अर्जुन अभिनीत फिल्म ‘धरंधुर‘ पिछले सप्ताह ही रिलीज हुई है. यह फिल्म सिनेमा के पर्दे पर धूम मचा रही है. ‘धुरंधर’ शब्द सकारात्मक रूम में लिया जाता है. फिल्म से इतर उत्तर प्रदेश की महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा इन दिनों चर्चा में हैं. ‘धुरंधर‘ फिल्म रिलीज होने के साथ ही इनका कारनामा भी रिलीज हो गया. यह अपने नकारात्मक कृत्यों के चलते ‘धुरंधर’ हैं. यह भी महज इत्तेफाक है कि मीनाक्षी का कारनामा सामने आने के साथ ही ‘धुरंधर’ फिल्म रिलीज हुई. उत्तर प्रदेश के उरई के कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की ‘मौत’ को लेकर हत्यारोपित महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गई हैं. पुलिस जांच में उनके रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को लेकर रोजाना कोई-ना-कोई चौंकाने वाला खुलासे हो रहा है.
कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की ‘मौत’ मामले में हत्यारोपित मीनाक्षी शर्मा 2019 बैच की महिला सिपाही हैं. वह जालौन के उरई में बतौर महिला सिपाही तैनात हैं. नवंबर, 2023 में सिपाही मीनाक्षी शर्मा की बहेड़ी कोतवाली में तैनाती हुई थी. उसने जल्द ही अपनी पहुंच आला अधिकारियों तक बना ली थी. अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए मीनाक्षी शर्मा ने सिर्फ 3 महीने के भीतर ही अपना ट्रांसफर करा लिया था. 3 महीने से भी कम का कार्यकाल भी काफी विवादों में रहा. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 6 सितंबर 2022 को बहेड़ी थाने में गोली चली थी. इस मामले में जांच भी की गई. हुआ यूं कि मीनाक्षी शर्मा की तैनाती से पहले ही दूसरी महिला सिपाही अंशुल के चलते 2 सिपाही भिड़ गए. इसके बाद विवाद बढ़ गया और थाना परिसर के अंदर गोलियां चल गईं. बताया जाता है कि इस मामले में तत्कालीन एसएसपी ने 2 इंस्पेक्टर समेत तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया, लेकिन जांच में मीनाक्षी शर्मा की कोई सीधी संलिप्तता नहीं पाई गई थी, लेकिन कहा जाता है कि संभवतया मीनाक्षी शर्मा की भूमिका भी इस गोलीकांड में थी.
जांच के दौरान जो खुलासे हो रहे हैं वह हैरान कर देने वाले हैं. जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक, मीनाक्षी शर्मा शातिर किस्म की महिला सिपाही है. उसका मकसद कानून के दायरे में ही रहकर ‘अपराध’ को अंजाम देना था. वह वसूली भी करती थी. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों, दारोगाओं और सिपाहियों तक को मीनाक्षी अपने ‘हुस्न‘ के जाल में फंसाती थी. इसके बाद उन्हें ब्लैक मेल करती थी, हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया तो यहां तक जाता है कि बरेली जिले में तो मीनाक्षी शर्मा की वजह से सिपाहियों के बीच थाने में ही फायरिंग हो गई थी. यह भी आरोप है कि मीनाक्षी ब्लैक मेल करके पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों से वसूली करती थी.
यह भी आरोप है कि मीनाक्षी विभिन्न थानों में तैनाती के दौरान कई थानाध्यक्ष और दारोगाओं को ब्लैकमेल कर चुकी हैं. इतना ही नहीं उसके कई दारोगा और सिपाहियों से संबंध भी उजागर हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि ब्लैकमेलिंग और अपने उच्च अधिकारियों से संबंध के चलते वह सबके बाद बदतमीजी से भी पेश आती थी. वह चाहे जूनियर हो या फिर सीनियर. अपने समकक्ष को तो वह कुछ समझती ही नहीं थी.
मीनाक्षी कहने को यूपी पुलिस में महिला सिपाही के पद पर तैनात थी, लेकिन उसका रहन-सहन पद के अनुरूप बिल्कुल नहीं था. उसकी स्टाइल हाईफाई थी. मीनाक्षी को अकेले में रहना पसंद था. सबसे बड़ी बात यह है कि वह महिला सिपाहियों के साथ अधिक मेलजोल नहीं रखती थी. इतनी ही नहीं वह थाने में कम ही बात करती थी. जब भी बोलने का मौका मिलता या जरूरत पड़ती तो वह कड़क अंदाज में ही लोगों से पेश आती थी. वह ज्यादातर समय तो धमकी भरे अंदाज में ही बात करती थी.
सूत्रों के मुताबिक, मीनाक्षी शर्मा ने सरकारी आवास में ही सभी जरूरी और महंगे संसाधन जुटाए थे. आवास कहीं से भी महिला सिपाही का नहीं लगता था. आवास पर शानदार और महंगा एसी लगा था और वह आईफोन का ही इस्तेमाल करती थी. यह भी बताया जा रहा है कि दिसंबर, 2025 की शुरुआत में ही उसने 3 लाख रुपये का महंगा नेकलेस खरीदा था. फिलहाल वह हत्या के आरोप में जेल में बंद है और महंगे मोबाइल और ब्रांडेड कपड़ों की शौकीन मीनाक्षी की रातें जेल में बीत रही हैं.
मेरठ के फलावदा थाना क्षेत्र के अहमदपुर उर्फ दांदूपुर गांव की रहने मीनाक्षी शर्मा बचपन से ही बेहद तेज तर्रार थी. स्कूल में पढ़ाई के दौरान भी मीनाक्षी शातिर दिमाग चलाती थी. कुल मिलाकर वह शुरू से ही काफी तेज और चालाक थी. बताया जा रहा है कि उसकी हरकतों की वजह से ही गांव के लोग भी उससे डरते थे. वह वर्ष 2018 में यूपी पुलिस में भर्ती हुई थी. इसके बाद से वह लगातार कोई-ना-कोई कारनामे कर रही है. वर्ष में 2023 में मीनाक्षी का ट्रांसफर बरेली से जालौन कर दिया गया. यहां पर उसकी तैनाती जालौन की कोंच कोतवाली में हुई. इस दौरान वहां पर थाना प्रभारी अरुण राय थे. मीनाक्षी ने यहां आते ही अपना खेल खेला और वह अरुण राय के बेहद करीब आ गई.
अरुण राय से नजदीकी बढ़ी तो मीनाक्षी ने सारे नियम कायदे तोड़ने शुरू कर दिए. यहां तक कि वह थाने में बिना वर्दी के भी आने लगी. इसका फैसला भी मीनाक्षी करने लगी कि थाने में किसकी ड्यूटी-शिफ्ट कब लगेगी. जूनियर कर्मचारी भी मीनाक्षी की हरकत से परेशान थे, लेकिन आलाधिकारियों का हाथ था तो कुछ कह भी नहीं पाते थे. इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों को मिली तो मीनाक्षी को हटाकर से डायल-112 में तैनात कर दिया गया. वहीं, अरुण राय को पूरी कोतवाली का चार्ज दे दिया गया. दूर होने के बावजूद अरुण राय और मीनाक्षी मिलते रहे और अपने संबंधों को इस्तेमाल भी वह करती रही.
जालौन के कुठौंद थाना प्रभारी अरुण की 5 दिसंबर, 2025 की रात को करीब 9 बजे मौत हो गई. आरोप है कि अरुण राय ने सरकारी आवास में खुद को गोली मारी. इसके बाद उनकी मौत हो गई. अरुण राय के गोली मारते ही मीनाक्षी सरकारी आवास से चीखती-चिल्लाती बाहर निकली. मजबूरी में ही सही मीनाक्षी ने ही इस पूरी घटना के बारे में पुलिस को. हैरत की बात यह है कि जानकारी मुहैया कराने के बाद मीनाक्षी अचानक गायब हो गई. इसके बाद पुलिस को उस पर शक हो गया. वहीं, सनसनीखेज घटना को लेकर दिवंगत इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की पत्नी माया राय आगे आईं. उन्होंने महिला आरक्षी मीनाक्षी शर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद मीनाक्षी को गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया है. पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक दुर्गेश कुमार ने एसआईटी टीम का गठन किया है। तीन सदस्यीय टीम मौत की गुत्थी सुलझाने में मदद करेगी. फोरेंसिक टीम भी हर एंगल से अपनी जांच कर रही है. एक सवाल जो सबको परेशान कर रहा है. वह यह कि अरुण राय ने खुद को गोली मारी तो सीने पर पिस्टल क्यों रखी थी? गोली मारने के बाद कोई क्यों सीने पर और सलीके से पिस्टल रखेगा.
उच्च अधिकारियों से करीबी और संपर्क ने मीनाक्षी शर्मा को ‘दबंग’ बना दिया था. कोतवाली प्रभारी हों या फिर दारोगा, उसकी नजर में कोई ‘औकात’ नहीं रखता था. महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा बोलना ही आदेश माना जाता था. जो उसका कहना नहीं मानता था उसकी खैर नहीं होती थी. वह चुटकी बजाते हुए जवाब देती थी- ‘तुम मुझे जानते नहीं हो दो मिनट में निपटा दूंगी…’ यह फिल्मी डायलॉग भले ही लगे, लेकिन मीनाक्षी शर्मा का यही अंदाज था. बताया जा रहा है कि एसआइटी की जांच में कई और खुलासे हो सकते हैं. इसके साथ ही इसमें कई दिग्गज आलाधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं.
उधर, सूत्रों के मुताबिक, यह जगजाहिर हो गया था कि बरेली में तैनानी के दौरान एसएचओ अरुण राय और सिपाही मीनाक्षी शर्मा के बीच काफी नजदीकी थी. बताया जा रहा है कि साल 2024 से ही मीनाक्षी और इंस्पेक्टर अरुण राय के बीच करीबियां थीं. जब से उसका बरेली से जालौन यहां ट्रांसफर हुआ था, तभी से ही वह अरुण राय के संपर्क में थी.
बताया जा रहा है कि अरुण राय मौत मामले में गिरफ्तारी के बाद भी मीनाक्षी की अकड़ कायम है. जेल ले जाने के दौरान एक महिला कांस्टेबल ने जब कहा-सीधे चलो, तो इसके जवाब में झिड़कते हुए मीनाक्षी से कहा था कि मुंह तोड़ दूंगी. वहीं गिरफ्तारी के बाद से कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद सिपाही मीनाक्षी शर्मा के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि मीनाक्षी शर्मा के कृत्यों और दबंगई से पिता और भाई दोनों वाकिफ थे, लेकिन उन्होंने समझाने के बजाय उसका साथ दिया. बताया जा रहा है कि एसआईटी अब पिता और भाई से भी पूछताछ करेगी. यह भी जानकारी सामने आई है कि जब पीलीभीत में तैनाती के दौरान मीनाक्षी ने सिपाही मोहित खोखर को प्रेम जाल में फंसाया तो उसकी कुछ रिकार्डिंग भी कर ली थी. इसके मकसद ब्लैकमेलिंग था. इसके बाद उसके पिता व भाई ने मोहित को ब्लैकमेल करते 25 लाख की मांग की थी. इसकी शिकायत भी हुई, लेकिन मीनाक्षी के दबाव में मामला रफा-दफा कर दिया गया.
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