होम / Telangana: कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में बुर्का पर विवाद, परीक्षा में बैठने से पहले छात्राओं को बुर्का उतारने के लिए किया गया मजबूर

Telangana: कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में बुर्का पर विवाद, परीक्षा में बैठने से पहले छात्राओं को बुर्का उतारने के लिए किया गया मजबूर

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : June 17, 2023, 11:52 am IST

India News (इंडिया न्यूज़),Telangana: कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में कॉलेज में बुर्का पहने को लेकर आपती जताने की खबर सामने आई है। बता दें हैदराबाद के संतोष नगर में केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में परीक्षा देने वाली छात्राओं का आरोप है कि परीक्षा में बैठने से पहले उन्हें अपना बुर्का उतारने के लिए “मजबूर” किया गया। ऐसे में इस मामले को लेकर तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली का बयन भी सामने आया है । उनका कहना है कि कहीं ये नहीं लिखा है कि बुर्का नहीं पहना जा सकता। हम इस पूरे मामले पर कार्रवाई करेंगे। 

तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली ने कही येे बात 

तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली ने कहा, “कोई प्रधानाध्यापक या प्रधानाध्यापक ऐसा कर रहे होंगे लेकिन हमारी नीति पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष है। लोग जो चाहें पहन सकते हैं लेकिन अगर आप यूरोपियन ड्रेस पहनते हैं तो यह सही नहीं होगा… हमें अच्छे कपड़े पहनने चाहिए। औरतेन खास तौर से, कम कपड़े पहनने से परेशानी होती है, ज्यादा कपड़े पहनने से लोगों को सुकून होता है। कहीं नहीं लिखा है कि बुर्का नहीं पहना जा सकता। हम कार्रवाई करेंगे।” 

क्या है कर्नाटक हिजाब विवाद?

बता दें कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद दिसंबर 2021-जनवरी 2022 में शुरू हुआ था। कर्नाटक के उडुपी में एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं। इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था। इसके बाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए।

हाईकोर्ट का क्या था फैसला?

इसी बीच 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार ने स्कूल- कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके बाद कुछ छात्राओं ने हाईकोर्ट का रुख किया। छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर हिजाब पर लगे बैन को हटाने की मांग की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?

सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की बेंच ने कर्नाटक के चर्चित हिजाब विवाद पर अलग अलग फैसला सुनाया था। बेंच में शामिल दोनों जजों जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया इस मुद्दे पर एकमत नहीं दिखे थे। जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना था। तो वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया था। अंतिम निर्णय पर एकमत न होने के कारण उन्होंने ये केस चीफ़ जस्टिस यूयू ललित के पास भेजा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले का मतलब है कि जब तक ये अदालत अपना फ़ैसला नहीं सुनाती, कर्नाटक हाई कोर्ट का फ़ैसला मान्य रहेगा।

ये भी पढ़ें – West Bengal News: पश्चिम बंगाल में भयंकर स्थिति है, इस स्थिति में चुनाव होना नामुमकीन: भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार 

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.