INDIA NEWS ( Delhi ):जम्मू कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों का बुरा हाल। पिछले 7 महीनो से, अधिक समय से धरने पर बैठे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने 23 दिसम्बर दिन शुक्रवार को जम्मू में बीजेपी के मुख्यालय का घेराव किया। उनकी नाराजगी एलजी के बयान को लेकर है.

पिछले 7 महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को जम्मू में बीजेपी के मुख्यालय का घेराव किया. दरअसल, उनलोगो में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान को लेकर नाराजगी है।

इस मुद्दे पर मनोज सिन्हा ने क्या कहा?

मीडिया के द्वारा पूछेगये सवाल के जवाब में मनोज सिन्हा ने कहा था कि कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी अगर काम पर वापस नहीं आए हैं, तो उन्हें वेतन नहीं दे सकती सरकार।

कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने घाटी में तैनात कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों और जम्मू क्षेत्र के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों का वेतन जारी  करने से इनकार कर दिया था। लेकिन हाल ही में टारगेट किलिंग के बाद उनलोगो को वेतन देना पड़ा था।
सरकार ने आदेश दिया था की , कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जायेगा अगर वो घाटी ने वापस नहीं आए तो। ये बात सुन कर कश्मीरी पंडित अपना आंदोलन तेज कर दिये। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत घाटी में तैनात कर्मचारियों का आंदोलन बीते 7 महीनो से हो गया है , जिसमें उनकी मांग है कि उनकी पोस्टिंग घाटी के इलाके से निकालकर मैदानी इलाकों में कर दिया जाये।

प्रदर्शन में बैंठे कश्मीरी पंडितो ने क्या कहा ?

प्रदर्शन में बैंठे कश्मीरी पंडितो ने कहा था कि अब यही सही समय है जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश के अलग-अलग हिस्सों में शरणार्थी के रूप में रहने वाले , कश्मीरी हिंदू समुदाय के लोगो को वापस घाटी में लाए और उनका सुरक्षा-सम्मान करने के साथ – साथ पुनर्वास करे। यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के अध्यक्ष आर के भट और समुदाय के कई यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के अध्यक्ष आर के भट और अन्य लोगो ने जम्मू में प्रेस क्लब के पास जाकर नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन भी किया था।