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Naxals in India: छत्तीसगढ़ में क्यों सबसे ज्यादा नक्सली हमले होते है? जानें कारण

India News (इंडिया न्यूज़), Naxals in India, दिल्ली: 26 अप्रैल को रायपुर से 350 किमी से अधिक दूर दक्षिण छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए एक आईईडी हमले में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के दस जवान और उनके चालक की मौत हो गई। पिछले दो वर्षों में राज्य में सुरक्षा बलों पर माओवादियों द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। साल 2021 में, सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर घात लगाकर हमला करने में 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

  • छत्तसीगढ़ के 14 जिलों में नक्सली
  • सबसे ज्यादा झारखंड प्रभावित
  • DRG स्थानीय युवाओं का बल है

मारे गए सुरक्षाकर्मी जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के थे। यह एक राज्य बल था जिसे माओवादी विरोधी अभियानों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। शहीद हुए जवानों की पहचान जोगा सोठी, मुन्नाराम कडती, संतोष तमो, दुल्गो मंडावी, लखमु मरकाम, जोगा कवासी, हरिराम मंडावी, राजूराम करतम, जयराम पोडियाम और जगदीश कवासी के रूप में हुई है। वाहन चालक की पहचान धनीराम यादव के रूप में हुई है। जिस वाहन में वे यात्रा कर रहे थे वह विस्फोट में नष्ट हो गया। जान गंवाने वाले 10 जवानों में पांच – कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल रैंक के थे। यह लोग आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी थे, जो हथियार डालने के बाद राज्य बल में शामिल हुए थे।

डीआरजी का क्या काम?

छत्तीसगढ़ पुलिस के एक विशेष बल डीआरजी का गठन 2008 में राज्य में माओवादी विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए किया गया था। इसने ज्यादातर स्थानीय आदिवासियों को बल में शामिल किया है, खासकर बस्तर क्षेत्र से, और यह लोग कई सफल माओवादी विरोधी अभियान चलाए हैं। डीआरजी के जवानों को स्थानीय भाषा आती है। इनमें कई लोग पहले नक्सली भी रहे होते है इसलिए इन्हें नक्सलियों के बारे में अच्छे से जानकारी होती है।

कहां-कहां तैनात

डीआरजी की यूनिट 2008 में कांकेर (उत्तर बस्तर) और नारायणपुर (अभुजमाड़ शामिल) जिलों में स्थापित की गई थी। पांच साल के अंतराल के बाद 2013 में बीजापुर और बस्तर जिलों में भी इसकी स्थापना की गई। इसके बाद, इसका विस्तार 2014 में सुकमा और कोंडागांव में किया गया। वहीं, दंतेवाड़ा में 2015 में इसकी स्थापना हुई।

देश में कहां-कहां नक्सली

गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश के 10 राज्यों के 70 जिले ऐसे हैं जहां नक्सलवाद अभी भी है। सबसे ज्यादा 16 जिले झारखंड के हैं। उसके बाद 14 जिले छत्तीसगढ़ के हैं। छत्तीसगढ़ के जो जिले नक्सल प्रभावित हैं, उनमें बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनंदगांव, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली शामिल हैं।

आंकड़े बताते हैं कि भले ही झारखंड में छत्तीसगढ़ से ज्यादा नक्सल प्रभावित जिले हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के मुकाबले झारखंड में नक्सली हमलों की संख्या लगभग आधी है। छत्तसीगढ़ में इस साल 15 अप्रैल तक बस्तर में माओवादियों ने 34 आईईडी हमले किए थे। 2022 के लिए यही आंकड़ा 28 और 2021 के लिए 21 था।

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Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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