इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : हिमाचल प्रदेश में कल यानि शनिवार को एक साथ हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगा। आपको बता दें, विधानसभा चुनाव में 412 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। इनके भाग्य का फैसला राज्य के 55 लाख 92 हजार 882 वोटर करेंगे। ज्ञात में वोटरों में 28,54,945 पुरुष और 27,37,845 महिला और 38 थर्ड जेंडर है। वहीं 67,559 सर्विस वोटर, 56501 दिव्यांग और 22 NRI वोटर है।18 से 19 साल के 1.93 मतदाता पहली बार अपना मतदान करेंगे। प्रदेश में वोटिंग सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। प्रदेश में चुनाव के लिए 7,881 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 7,235 ग्रामीण क्षेत्रों में और 646 शहरी क्षेत्रों में हैं।
आपको बता दें, मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के सभी EVM स्ट्रांग रूम में रखी जाएगी। स्ट्रांग रूप के बाहर CRPF के जवानों का कड़ा पहरा होगा ताकि कोई भी दल ईवीएम को लेकर सवाल न उठा पाएं। ज्ञात हो, स्ट्रांग रूम की निगरानी CCTV कैमरा लगाकर की जाएगी, ताकि EVM से छेड़छाड़ की किसी भी प्रकार की संभावना न रहे।
आपको बता दें, हिमचा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा में है। राज्य की सत्ता में अभी भाजपा काबिज है और पार्टी ने 5 साल बाद सत्ता परिवर्तन के रिवाज को बदलने के लिए पूरी ताकत लगाई है। कांग्रेस के पास मौजूदा समय में 20 विधायक है, जबकि BJP के पास 45 , 2 निर्दलीय और 1 CPIM का विधायक है।
आपको बता दें, हिमाचल के कांगड़ा जिला के सुलह विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 1,06,976 वोटर वहीँ लाहौल स्पीति में सबसे कम 24,744 में सबसे कम वोटर है।
ज्ञात हो, कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 1,625 और लाहौल-स्पीति में सबसे कम 92 पोलिंग बूथ हैं। सभी मतदान केंद्र पोलिंग के लिए तैयार कर दिए गए है। 15 प्रतिशत पोलिंग पार्टियां और 15% EVM रिवर्ज रखी गई है, ताकि कहीं EVM के खराब होने पर तत्काल बदला जा सके।
जानकारी हो , हिमाचल चुनाव में पारदर्शिता के मकसद से 50% पोलिंग बूथों पर वेब-कॉस्टिंग करवाई जाएगी, ताकि कोई शरारती तत्व मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न कर सके। वेब-कॉस्टिंग के जरिए केंद्रीय चुनाव आयोग दिल्ली से ही प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर नजर रखेगा।
आपको बता दें, हिमाचल के 142 पोलिंग बूथ महिला कर्मचारी संचालित करेंगी। इन पर सुरक्षा का जिम्मा भी महिला पुलिस कर्मी ही संभालेंगी। इसका मकसद महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। 37 पोलिंग बूथ को दिव्यांग कर्मी भी संचालित करेंगे।
आपको बता दें, प्रदेश में विधानसभा चुनाव का जिम्मा 33 हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मी संभाल रहे हैं। इनमें CRPF, SSB, ITBP, पुलिस और होमगार्ड के जवान शामिल है।
जानकारी हो,यदि किसी मतदाता के पास वोटर आई-कार्ड नहीं है तो वह 12 तरह के दस्तावेज दिखाकर वोट दे सकेंगे। इनमें मतदाता फोटो पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य-केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों-पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त पहचान पत्र, बैंकों-डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, आयकर पहचान पत्र , RGI एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज एवं निर्वाचन विभाग द्वारा जारी प्रामाणिक फोटो मतदाता पर्ची एवं आधार कार्ड में से कोई एक दस्तावेज आवश्यक रूप से साथ लें जाना होगा।
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