इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: अफगानिस्तान में पिछले वर्ष अगस्त में सत्ता तालिबान के हाथों में जाते ही वहां पर रह रहे अल्प संख्यकों की स्थिति बद से बदतर हो गई है। तालिबान का शासन स्थापित होते ही उनपर हमलों में एकदम से इजाफा हो गया। इसी के चलते वहां रह रहे सिख समुदाय के लोगों द्वारा भारतीय सरकार से लगातार गुहार लगाई जा रही है कि उनको किसी तरह से वहां से सुरक्षित निकाला जाए।
मुसीबत में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए विदेश मंत्रालय लगातार कोशिश कर रहा है। पिछले एक वर्ष में लगातार अंतराल के बाद वहां से सिख समुदाय के लोगों को स्वदेश लाने की मुहिम चलाई जा रही है। इसी के चलते रविवार को एक विशेष विमान से अफगानिस्तान से 55 सिखों को स्वदेश लाया गया। भारत पहुंचने पर इन सभी ने चैन की सांस ली।
विमान से भारत पहुंचे कुछ सिखों ने मीडिया के सामने अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों की जानकारी देते हुए भारत सरकार का धन्यावाद किया। उन्होंने कहा कि वे विदेश मंत्रालय और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से आभारी है जिन्होंने उन सभी को मुसिबतों से बाहर निकाला है। एक सिख बलजीत सिंह ने कहा कि तालिबान का शासन स्थापित होने के बाद से ही उनका जीवन वहां मुसिबतों से घिर गया।
तालिबान शासकों ने उन्हें जबरन जेल में बंद कर दिया और उनके बाल तक काट दिए। वे बड़ी मुश्किल से जेल से रिहा हुए। अब उन्हें भारत पहुंचने पर राहत महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि तालिबान में बचे अन्य सिखों का जीवन भी वहां पर सुरक्षित नहीं है और उन्हें भी जल्द से जल्द वहां से निकालना चाहिए। उन्होंने कहाकि भारत में रहकर वे नए जीवन की शुरूआत करना चाहते हैं।
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