इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, abbas ansari may be in pakistan): कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी का बेटा और यूपी के मऊ हलके सीट से विधायक अब्बास अंसारी के पाकिस्तान में होने कि संभावना है। अब्बास, उत्तर प्रदेश में शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग मामले में भगोडा घोषित है। उत्तर प्रदेश एटीएस को उसकी पंजाब में आखिरी लोकेशन मिली है। उसके पंजाब के रास्ते पड़ोसी मुल्क पकिस्तान भाग जाने कि संभावना है.

उत्तर प्रदेश पुलिस को शक है कि अब्बास को पंजाब में राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले में राज्य के एक पूर्व मंत्री का नाम भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा में है। इससे पहले अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी जब पंजाब के के रोपड़ जेल में बंद तब उसके लिए ख़ास इंतज़ाम किए गए थे.

25 अगस्त को भगोड़ा घोषित हुआ था

उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब्बास अंसारी के गाजीपुर में स्थित संपत्ति को कुर्क करने के लिए नोटिस लगा दिया है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित करने की अर्जी 11 अगस्त को कोर्ट में दी थी। तब कोर्ट ने अब्बास को 25 अगस्त तक उसको पेश होने कि मोहलत दी थी, लेकिन तब वह पेश नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट ने उसे भगोडा घोषित कर दिया गया.

अब्बास के खिलाफ उत्तर प्रदेश की विशेष टास्क फाॅर्स (एसटीएफ) जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस टीम ने 2 राइफल, 12 बोर का 3 गन, एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल के साथ कई बोर के 4431 कारतूस और मैगजीन बरामद की थी। 24 दिसंबर 2020 को पुलिस ने इस मामले में आरोपी अब्बास अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 , 471 और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत चार्जशीट दाखिल की है.

जेल में मुख्तार पर सरकार ने खर्च किए थे 55 लाख रुपए

पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में पंजाब के रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी को कई सुविधाएं दी गई थी। इस मामले में पंजाब के वर्त्तमान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक कमेटी बनाकर जांच कराई थी। जांच में यह खुलासा हुआ है कि मुख्तार को सुविधाएं देने में अमरिंदर सिंह द्वारा सरकार द्वारा 55 लाख रुपये खर्च किए गए थे। 10 आईपीएस की टीम भी मुख्तार के सेवा व्यवस्था में लगाने कि बात सामने आई थी.

अब्बास अंसारी के पिता कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को 2 साल और 3 महीने तक पंजाब में अंदर रोपड़ जेल में रखा गया था। जांच में यह भी सामने आया था कि अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस से बचाने के लिए पंजाब में फर्जी FIR की गई थी। जेल कि जिस बैरक में 25 कैदी होने चाहिए, वहां उसकी पत्नी रहती थी। तब उत्तर प्रदेश कि पुलिस द्वारा 26 बार वारंट निकला गया, लेकिन फिर भी पंजाब सरकार ने उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेजा था। आखिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्तार को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किया गया था.