इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, According to election commission TMC hold second position in Earning After BJP): साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई हैं। तेलंगाना में कई विपक्षी पार्टी के नेताओं ने संयुक्त रैली भी सम्बोधित किया हैं। जिसमें अरविन्द केजरीवाल, अखिलेश यादव, भारत राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर राव शामिल हुए। वहीं बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में आने वाले लोकसभा चुनाव पर चर्चा की।
इस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से पार्टियों की होने वाली कमाई को लेकर एक लिस्ट जारी की गई है। इस सूची में सबसे टॉप में दूसरे नम्बर पर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) का नाम है। टीएमसी ने 2021-22 के दौरान सालाना कमाई के मामले में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। वहीं पहले नम्बर की बात करें तो टॉप में बीजेपी का नाम सामने आया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि आमदनी के मामले में टीएमसी ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को भी पछाड़ दिया है। 2021-22 के दौरान ममता बनर्जी की पार्टी की सालाना आय 545.74 करोड़ रुपये थी, वही कांग्रेस की कमाई 541.27 करोड़ थी।
आयोग ने ऑडिट रिपोर्ट जारी की
भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India-ECI) द्वारा राजनीतिक दलों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में भारत के आठ राष्ट्रीय दल- भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के आंकड़े शामिल हैं।
कैसे काउंट होती है सालाना आय?
इन सभी राष्ट्रीय दलों ने सामूहिक रूप से 2021-22 के दौरान 3,289.28 करोड़ रुपये की कमाई की। इन पार्टियों की इनकम निश्चित नहीं होती है और एक वित्तीय वर्ष में उनके द्वारा जुटाए गए दान, चंदा, शुल्क और सदस्यता शुल्क को मिलाकर पार्टियों की सालाना आय आयोग द्वारा बनाई जाती हैं।
बीजेपी की कमाई सबसे ज्यादा
2021-22 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की कुल आय 1,917.12 करोड़ रही, बीजेपी की कमाई का सबसे अधिक हिस्सा 1,775 करोड़ रुपये के चंदे से आया। इसमें 1,033 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड भी शामिल हैं जो कुल कमाई का 50 प्रतिशत से भी ज्यादा हैं। पार्टी ने फीस और चंदे से 6.31 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बीजेपी की आय सभी सात राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय से भी ज्यादा रही। सभी सात पार्टियों की कुल आय 1,372.16 रुपये थी।
टीएमसी की आय पांच साल में 90 गुना बढ़ी
टीएमसी की कमाई 2017-18 के दौरान सिर्फ 5.16 करोड़ थी। 2018 -19 में यह रकम बढ़कर 192.65 करोड़ रुपये हो गई। 2019-20 में पार्टी को 144.73 करोड़ रुपये मिले, जबकि अगले वर्ष 2020 -21 यह आंकड़ा सिर्फ 74.41 करोड़ रुपये था। पिछले साल की तुलना में सात गुना से अधिक की वृद्धि के साथ साल 2021-22 में टीएमसी की कमाई 545.74 करोड़ रही। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि 2021 में पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए थे और ममता बनर्जी की पार्टी लगातार तीसरी बार प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई थी।
2013-14 से ECI के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2015-16 को छोड़कर हर साल भाजपा को मिलने वाला पैसा कांग्रेस से अधिक रहा हैं। साल 2015-16 में बीजेपी को 570.85 करोड़ रुपये मिले थे, वही कांग्रेस को 593.31 करोड़ रुपये मिले थे। दोनों की कमाई में महज 22 करोड़ रुपये का अंतर था। दोनों दलों की कमाई के बीच का अंतर 2019-20 में सबसे अधिक था, जब भाजपा को कांग्रेस की तुलना में 2,941 करोड़ रुपये अधिक मिले थे।