India News (इंडिया न्यूज़), Sudan War, दिल्ली: सूडान के संघर्ष में अब तक 413 लोगों की जान चली गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से यह जानकारी दी गई। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक बच्चों को इसकी सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। तुर्की समाचार एजेंसी अनादोलू के अनुसार अब तक कम से कम नौ बच्चे मारे जा चुके है जबकि 50 से ज्यादा घायल है।

  • भारत सरकार ने की तैयारी
  • बच्चों पर गंभीर असर
  • दवाओं की सप्लाई भी बाधित

डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने संयुक्त राष्ट्र की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सूडान में सरकार के आंकड़ों के मुताबिक संघर्ष में 413 लोगों की मौत हुई है और 3,551 लोग घायल हुए हैं। लड़ाई देश की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच चल रही झड़पों का हिस्सा है। 15 अप्रैल से अब तक देश के 12 अस्पाल और स्वास्थ्य संस्थाओं को बंद करना पड़ा सकता है।

बच्चों में गंभार कुपोषण

वही अभी 50,000 बच्चों की जान सूडान में जोखि्म में फंसी हुई है। लड़ाई से सूडान की “कोल्ड चेन” भी खतरे में है। जिसमें करीब 40 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक मूल्य के टीके और इंसुलिन को भी खतरा है। देश में 6,00,000 से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित थे।

भारत सरकार ने बनाया प्लान

भारत सरकरा के विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि वायुसेना के दो C-130J विमान और नौसैनिक जहाज INS सुमेधा स्टैंडबाय पर रखे हैं। भारत जटिल और उभरती सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए को-ऑर्डिनेशन भी कर रहा है। सरकार ने कहा कि भारत कई विकल्पों को फॉलो कर रहा है। सूडानी अधिकारियों के अलावा, सूडान में भारतीय दूतावास भी संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ लगातार संपर्क में हैं।

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