Booster Dose: दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बता दें कि अब कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से भीड़-भाड़ वाले जगहों पर मास्क पहनने की हिदायत दी है। इतना ही नहीं जिन लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगाया है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने को भी कहा गया है। COVID-19 जैसी बीमारी के खिलाफ बूस्टर शॉट्स काफी प्रभावी हो सकते हैं। तो यहां जानिए कि बूस्टर शॉट क्या है और ये महत्वपूर्ण क्यों है?
आपको बता दें कि ‘बूस्टर’ शब्द का मतलब वैक्सीन के बाद दिया जाने वाला टीका है। OSF HealthCare फार्मेसी सैंडी सालवर्सन का कहना है कि बूस्टर डोज वैक्सीन के दोनों डोज के हफ्ते, महीने या सालों बाद लिया जा सकता है। उनका कहना है कि ज्यादातर वयस्कों को खसरा, काली खांसी या मेनिनजाइटिस जैसी बीमारी के लिए बूस्टर शॉट दिया जाता था। इतना ही नहीं टेटनस के लिए भी बूस्टर शॉट्स की सिफारिश हर दस साल में की जाती है।
कुछ वैक्सीन में प्राइमरी डोज के बाद बूस्टर शॉट दिए जाते हैं। प्राइमरी डोज इम्यून सिस्टम को उस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी को पहचानने और उत्पन्न करने के लिए तैयार करती है। वहीं बूस्टर डोज शरीर के इम्यून सिस्टम को उस वायरस के खिलाफ और मजबूत बनाता है। कोविड बूस्टर डोज बुजुर्गों या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
बूस्टर डोज खुराक की उपलब्धता के लिए आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कर सकते हैं। सरकार का कहना है कि पहले और दूसरे डोज लेने के 6 महीने बाद आप बूस्टर डोज लगा सकते हैं।
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