इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बुधवार को उन छात्रों के लिए बड़ी राहत दी है, जो पीएचडी करना चाहते हैं, लेकिन मास्टर डिग्री पूरी न होने की वजह से नहीं कर पा रहे थे। आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे। यानी उन्हें अब अलग से मास्टर डिग्री करने की जरूरत नहीं रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्स को ‘4-वर्षीय कार्यक्रम’ के पूरी तरह से लागू होने तक बंद नहीं किया जाएगा।
दरअसल यूजीसी पिछले काफी समय से अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम को पूरा करने के मानक और तरीके में बदलाव करने की तैयारी कर रहा था। वह इसके लिए नया पाठ्यक्रम लागू करने पर विचार कर रहा था। हाल ही में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए नए क्रेडिट और करीकुलम स्ट्रक्चर की घोषणा की गई थी।
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