इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
बाबा बफार्नी की गुफा के पास कल शाम हुई बादल फटने की घटना से पहले भी यात्रा के दौरान इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले साल यात्रा के अंतिम दिनों में पवित्र गुफा के समीप बादल फटा था। हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा कैंसिल थी जिससे इस घटना में कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ था और न ही किसी तरह की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। यात्रा कैंसिल नहीं होती तो जानमाल का भारी नुकसान होता।

वर्ष 2015 में बालटाल आधार शिविर के नजदीक बादल फटा

बालटाल आधार शिविर के नजदीक वर्ष 2015 में बादल फटा था, जिससे काफी नुकसान हुआ था। लंगरों के अस्थायी ढांचे पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। इस घटना में दो बच्चों समेत तीन श्रद्धालु मारे गए थे।

वर्ष 1996 में बादल फटने से अमरनाथ यात्रा के दौरान सबसे बड़ी त्रासदी

वर्ष 1996 में बादल फटने की घटना में अमरनाथ यात्रा पर गए 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। उस साल अगस्त में हुई इस घटना को अमरनाथ यात्रा के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी माना जाता है। अमरनाथ गुफा के पास ही उस समय भी बादल फटा था। यह घटना भी उस समय जब श्रद्धालु जब बाबा बफार्नी की भक्ति में लीन थे। इस बीच अचानक तेज बहाव आया और श्रद्धालुओं को अपने साथ बहाकर ले गया।

वर्ष 1969 में 100 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी

वर्ष 1969 में जुलाई में भी यात्रा के दौरान भी इसी तरह बादल फटने के बाद सैलाब आया था। इस करीब 100 श्रद्धालुओं की मौ हो गई थी। उन दिनों यात्रा के रास्ते पर इतने इंतजाम नहीं होते थे। जम्मू निवासी एक व्यक्ति के अनुसार उस समय बादल फटने की घटना के कारण एक हफ्ते तक बिना खाना व पानी के यात्रा मार्ग पर फंसे रहे थे।

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