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US Aid to Ukraine: भारी कर्ज से जूझ रहा अमेरिका, फिर भी यूक्रेन की मदद करेंगें जो बाइडेन; जानें वजह!

Rajesh kumar • LAST UPDATED : October 4, 2023, 9:40 am IST

India News (इंडिया न्यूज़),America Help Ukraine: यूक्रेन और अमेरिका की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उसे पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल है। अब यूक्रेन समर्थक अलायंस में फूट पड़ने लगी है। यूक्रेन के लंबे समय से सहयोगी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि हम यूक्रेन को युद्ध के मैदान में अकेला नहीं छोड़ेंगे।

गौरबतल है कि बीते सप्ताह यूएस कांग्रेस ने यूक्रेन को छह अरब डॉलर की दी जाने वाली अतिरिक्त मदद के प्रस्ताव को रद्द कर दिया था। अमेरिका में इन दिनों शटडाउन का संकट छाया हुआ है। रिपब्लिकन नेताओं ने इस पर कहा कि हमें यूक्रेन को दी जा रही मदद को रोकना होगा। वहीं बाइडन ने यूक्रेन को आश्वस्त किया है कि वह उसके लिए फंड की कमी नहीं होने देंगे।

24 अरब डॉलर की मदद करेगा अमेरिका

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मैं यूक्रेन के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप हम पर भरोसा बनाए रखें। हम बिलकुल पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति में यूक्रेन को दिए जाने वाले अमेरिकी समर्थन में कमी नहीं आने देंगे। यूक्रेन इस समय रूसी क्रूरता के खिलाफ लड़ रहा है। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को 24 अरब डॉलर की सहायता का आश्वासन दिया है। अमेरिकी शटडाउन के कारण यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन इसकी आंतरिक लड़ाई की वजह से खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा है।

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भारी कर्ज से जूझ रहा अमेरिका

बता दें, अमेरिकी शटडाउन संकट तब टल गया जब अमेरिकी सीनेट ने शटडाउन को टालने के लिए शनिवार की शाम को स्टॉपगैप फंडिंग बिल को पारित कर दिया था। इस बिल के पारित होने के बाद अमेरिका के लगभग 40 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। अमेरिका के ऊपर शटडाउन का खतरा इसलिए बना क्योंकि उसका कुल कर्ज 33 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है। ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी चाहती है कि सरकार वहीं खर्च करे जहां जरूरत है।

दरअसल, यूक्रेन के राजनयिक समर्थन में कमी का रूस लंबे समय से इंतजार कर रहा था। हाल ही में जेलेंस्की के यूएन में दिए गए भाषण ने वैसी सुर्खियां नहीं बटोरी जैसी उम्मीद थी। अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से फंडिंग का विरोध ये ऐसे कदम हैं जो यूक्रेन के प्रति पश्चिम के कम होते समर्थन का संदेश है। पुतिन की मंशा भी यही रही है कि यूक्रेन को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन में कमी आने के बाद वह राजनीतिक समाधान खोजने के लिए सौदेबाजी करें।

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