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Anand Mohan Release: आनंद मोहन की रिहाई का IAS एसोसिएशन ने किया विरोध, पीएम और राष्ट्रपति से दखल की मांग

India News (इंडिया न्यूज़), Anand Mohan Release, पटना: गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह को आज बिहार की सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया । बिहार सरकार द्वारा हाल ही में उनके साथ 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति दे दिया था। इसके लिए जेल नियमों में संशोधन भी किया गया है। वह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।

  • 1994 में हत्या हुई थी
  • 2007 से आनंद मोहन जेल में
  • बिहार सरकार ने नियम बदल दिए

बिहार सरकार द्वारा जेल मैनुअल के नियमों में संशोधन के बाद, 14 साल या 20 साल जेल की सजा काट चुके 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है। सहरसा के वीर कुंवर सिंह चौक पर पूर्व सांसद आनंद मोहन के स्वागत में पोस्टर लगाए गए हैं।

परौल पर बाहर आया था

आंनद मोहन इससे पहले अपने विधायक बेटे चेतन आनंद की सगाई समारोह में शामिल होने के लिए 15 दिनों की पैरोल पर थे। पैरोल की अवधि पूरी होने के बाद वह 26 अप्रैल को सहरसा जेल लौटा था। इससे पहले बुधवार को राज्य के कारागार विभाग ने राज्य की विभिन्न जेलों से करीब 14 दोषियों को रिहा किया था। बाकी आठ दोषियों को आज रिहा किया गया।

परिवार ने जताया विरोध

जी कृष्णैया (जिनकी 1994 में आनंद मोहन सिंह ने हत्या कर दी थी) की बेटी पद्मा ने हैदराबाद में कहा कि नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है। हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करे। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। जी कृष्णैया की मां उमा देवी ने कहा कि जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उसे वापस जेल भेजने की मांग करेगी। उन्हें रिहा करना गलत फैसला है। सीएम को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। अगर वह (आनंद मोहन) भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए। मैं उन्हें (आनंद मोहन) वापस जेल भेजने की अपील करती हूं।

IAS एसोसिएशन का भी विरोध

मां ने यह भी कहा कि मैं राष्ट्रपति और पीएम से इस मामले में दखल देने की अपील करती हूं और सीएम नीतीश कुमार से उन्हें (आनंद मोहन) वापस जेल भेजने की मांग करती हूं। आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

क्या है मामला

आनंद मोहन ने 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या कर दी थी। आनंद मोहन सिंह द्वारा कथित रूप से उकसाई गई भीड़ द्वारा कृष्णय्या की हत्या कर दी गई थी। उन्हें उनकी आधिकारिक कार से बाहर खींच लिया गया और पीट-पीट कर मार डाला गया। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या वर्तमान तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे।

आनंद मोहन को निचली अदालत ने 2007 में मौत की सजा सुनाई थी। एक साल बाद पटना उच्च न्यायालय ने सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। मोहन ने तब फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली और वह 2007 से सहरसा जेल में हैं। उनकी पत्नी लवली आनंद भी लोकसभा सांसद हैं, जबकि उनके बेटे चेतन आनंद बिहार के शिवहर से राजद के विधायक हैं।

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Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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