India News(इंडिया न्यूज),Cheque Bounce: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लोग पैसों के लेनदेन के लिए ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन अभी भी देश का एक बड़ा तबका लेनदेन के लिए चेक पर भरोसा जताता है। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। चेक पेमेंट के दौरान कुछ सावधानियां बरतना बेहद ही जरूरी है नहीं तो आपकी मुश्किलें बढ़ जाएंगे।
अगर आप भी किसी को चेक देते हैं तो इस बात का ध्यान रखना आपके लिए बेहद जरूरी है कि आपका चेक बाउंस नहीं हो। आपको बता दें, अगर आपने किसी को चेक दिया है और आपके खाते में रकम नहीं है या कम है आपका चेक बाउंस हो जाता है और इसके लिए आपको सजा भी हो सकती है।
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चेक बाउंस होने पर होगी दो साल की सजा
आए दिन आप सुनते होंगे कि चेक बाउंस मामले में कोई शख्स फंस गया है या उस पर जुर्माना लगी है या उसे सजा हुई है। दरअसल, हमारे देश में चेक बाउंस को अपराध माना जाता है और इसमें सजा का प्रावधान है। चेक बाउंस के मामले में दोषी साबित होने के बाद आपको ज्यादा से ज्यादा दो साल की सजा होगी। इसके अलावा आईपीसी की धारा 357 के तहत जुर्माने का भी प्रावधान है। जुर्माने की रकम चेक में लिखी गई रकम से दुगनी भी हो सकती है।
कब और कैसे होता है चेक बाउंस?
चेक बाउंस तब होता है जब आप किसी को भुगतान करने के लिए चेक देते हैं और आपके खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होता है। मान लिजिए कि आपने किसी को 1 लाख रुपए का चेक दिया है जिसे वह व्यक्ति बैंक में जाकर अपने खाने में भुगतान करने के लिए दे देता है। इसके बाद बैंक की ओर से जब भुगतान की प्रक्रिया की जाती है तो पता चलता है कि आपके खाते में तो उतना पैसा है ही नहीं। इसके बाद बैंक चेक को रिजेक्ट कर देता है, इसे ही चेक बाउंस कहते हैं।
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