BBC documentary controversy :बीबीसी डॉ्क्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग को लेकर दिल्ली विश्वविद्याल में सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ा दी गई है। कला संकाय के बाहर प्रशासन के द्वारा धारा 144 को लागू कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार आज डीयू के कला संकाय में विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का स्क्रीनिंग किया जाना था। इसकी जानकारी के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी सूचना दिल्ली पुलिस को दी जिसके बाद सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ा दिया गया है।
बता दें कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसे विश्वविद्यालयों में दिखाने के होड़ सी मच गई है। बीते दिनों दिल्ली स्थित जामिया विश्वविद्यालय ने इसकी स्क्रीनिंग की, जिसके बाद जेएनयू के छात्रों के द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के अंदर इसे दिखाने का प्रयास किया गया। बीते गुरुवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय में इसकी स्क्रीनिंग के बाद बवाब मचा गया। अब आज इस डॉक्यूमेंट्री को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के द्वारा स्क्रीनिंग की योजना बनाई गई । हालांकि प्रशासन ने इसकी अनुमति से साफ इनकार किया है। अब इस विवाददित डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
बीते 24 जनवरी को इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जेएनयू कैंपस में की गई। हालांकि इसको लेकर काफी बवाल हुआ। कहा जा रहा है कि इसकी स्क्रीनिंग के दौरान प्रशासन ने बिजली गुल कर दी और इंटरनेट कनेक्शन भी काट दिया। इसके बाद भी छात्र नहीं माने और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को मोबाइल पर डाउनलोड करने का क्यूआर कोड शेयर किया। विवाद इतना बढ़ गया कि डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। अंधेरे का फायदा उठाकर हमलावर भाग गए।
जामिया में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद पुलिस ने 7 छात्रों को हिरासत में लिया है। इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है। ये सभी SFI संगठन के छात्र हैं। जिसके बाद इनकी रिहाई तक स्क्रीनिंग को टाल दी गई है। यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर इन्हें हिरासत में लिया गया है। जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्र संगठन SFI यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहा है। हम ऐसी किसी भी काम की अनुमति नहीं देंगे। छात्रों की किसी भी गैरजरूरी हरकत पर कार्रवाई होगी।
उल्लेखनिय है कि पिछले दिनों अपनी रिलीज के साथ ही यह डॉक्यूमेंट्री विवादों में घिर गई थी। इसमें 2002 में गुजरात में हुए दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी की भूमिका होने का दावा किया गया था। भारत सरकार ने इसे BBC का प्रोपेगैंडा बताया। डॉक्यूमेंट्री का पहला पार्ट 17 जनवरी को जारी हुआ था, यूट्यूब पर ब्लॉक कर दिया गया। वहीं, सरकार ने ट्विटर और अन्य साइट्स पर भी इसे डॉक्यूमेंट्री की शेयरिंग पर प्रतिबंध लगा दी है।
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