India News (इंडिया न्यूज), Bharatpur Crime News: डीग जिले के पहाड़ी थाना इलाके में एक 10वीं कक्षा की छात्रा का अपहरण कर लिया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब छात्रा अर्धवार्षिक परीक्षा देकर स्कूल से बाहर निकल रही थी। आरोपी, जो छात्रा के ससुराल पक्ष से हैं, उसकी कनपटी पर कट्टा लगाकर धमकाया और आसपास के लोगों को डराने के लिए हवाई फायरिंग की। घटना के बाद आरोपी लड़की को कार में डालकर फरार हो गया।

दहेज प्रताड़ना के बाद पिता के साथ रह रही थी नाबालिग

पीड़िता के पिता ने पहाड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की शादी करीब एक साल पहले गोपालगढ़ इलाके के एक युवक से करवाई थी। शादी के तुरंत बाद ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग शुरू कर दी। जब यह प्रताड़ना बढ़ गई, तो पिता ने अपनी नाबालिग बेटी को वापस अपने घर ले आए। नाबालिग तब से अपने पिता के साथ रह रही थी और पढ़ाई कर रही थी। वह इस समय 10वीं कक्षा में है। सोमवार सुबह वह अर्धवार्षिक परीक्षा देने के लिए स्कूल गई थी। परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वह स्कूल गेट से बाहर निकली, तो उसके ससुराल पक्ष के लोग वहां पहले से मौजूद थे।

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फायरिंग कर लोगों को डराया

जैसे ही लड़की स्कूल से बाहर निकली, अपहरणकर्ताओं ने कट्टा लगाकर उसे धमकाया। लड़की ने शोर मचाकर मदद मांगी, लेकिन जब आसपास के लोग उसे बचाने के लिए पहुंचे, तो आरोपियों ने हवाई फायरिंग कर दी। डर के माहौल में नाबालिग को अपनी कार में डालकर फरार हो गए।

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आरोपियों की तलाश

पिता की शिकायत पर पहाड़ी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि लड़की को सुरक्षित वापस लाने और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।

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कानूनी और सामाजिक कुरीतियों पर सवाल

यह घटना न केवल अपहरण का मामला है, बल्कि समाज में मौजूद बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को भी उजागर करती है। 14 साल की उम्र में लड़की की शादी कराना बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 का उल्लंघन है। इसके साथ ही, दहेज के लिए प्रताड़ना और अब अपहरण जैसे गंभीर अपराध, समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करते हैं।

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सरकार और समाज की जिम्मेदारी

इस घटना से यह स्पष्ट है कि बाल विवाह, दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्यवाही करनी चाहिए और समाज को इन कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलानी होगी।