इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस पार्टी से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया, उन्होंने पांच पन्नो का इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखा, इसमें उन्होंने कांग्रेस को लेकर कई सारे बाते कही, उनके इस्तीफे पर देश के बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया लगातार आ रही है.

1.जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गुलाम नबी आज़ाद की आलोचना करते हुए कहा की “जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे अधिक सम्मान दिया है, उसने अपने शातिर व्यक्तिगत हमलों से पार्टी को धोखा दिया है जो उनके असली चरित्र को प्रकट करता है। गुलाम नबी आज़ाद का डीएनए मोदीमय हो गया है”

2.संदीप दीक्षित

दिल्ली के कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा की “हमने सुधार का झंडा उठाया है, बगावत का झंडा नहीं… पार्टी के अंदर रहना जरूरी है … जीएन आजाद जी के बिना कांग्रेस बहुत कमजोर होगी, गुलाम नबी आज़ाद वह थे जिन्होंने जी 23 का पत्र लिखा था, वह नहीं जिसने इस्तीफे को लिखा है, संदीप दीक्षित ने गुलाम नबी आज़ाद को एक पत्र भी लिखा”

संदीप दीक्षित का पत्र.

3.आनंद शर्मा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा की “यह एक गंभीर घटनाक्रम है और इससे सभी कांग्रेसियों को पीड़ा होगी। मैं व्यक्तिगत रूप से स्तब्ध हूं। यह स्थिति पूरी तरह से टालने योग्य थी। हमें उम्मीद थी कि गंभीर आत्मनिरीक्षण होगा लेकिन दुर्भाग्य से, वह प्रक्रिया उलट गई”

4.अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे पर कहा की “उनके (जीएन आजाद) त्यागपत्र के बारे में मैं जो महसूस करता हूं उसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने पार्टी में कई पदों पर कार्य किया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा पत्र लिखेंगे। इससे पहले, उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था जब वह मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गई थीं”

गहलोत ने आगे कहा “कांग्रेस ने उन्हें (गुलाम नबी आजाद) सब कुछ दिया। आज वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के कारण वह एक जाने माने नेता हैं”

5.बीके हरिप्रसाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा की “उनके जैसे आदमी को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए थी। इससे पता चलता है कि वह वापस लड़ने को तैयार नहीं है। राहुल गांधी को दोष देना सही नहीं है। वह सत्ता में रहना चाहते है। नुकसान सिर्फ आजाद के लिए है, कांग्रेस के लिए नहीं”

6.हेमंता बिस्वा शर्मा

असम के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता हेमंता बिस्वा शर्मा ने कहा की “जीएन आजाद का पत्र और 2015 में मेरे द्वारा लिखे गए पत्र को अगर आप पढ़ेंगे तो आपको काफी समानताएं मिलेंगी। कांग्रेस में सभी जानते हैं कि राहुल गांधी अपरिपक्व हैं। सोनिया गांधी पार्टी की देखभाल नहीं कर रही हैं, वह केवल अपने बेटे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। यह एक नाकाम कोशिश है”

शर्मा ने आगे कहा “नतीजतन, पार्टियों के प्रति वफादार लोग इसे छोड़ रहे हैं। मैंने भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस के लिए एक समय आएगा जब केवल गाँधी परिवार के लोग रह जाएंगे और यह हो रहा है। राहुल गांधी वास्तव में भाजपा के लिए वरदान हैं”

7.अश्विनी कुमार

कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा की “उनका इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कांग्रेस पार्टी और देश के लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। इसके बावजूद, पार्टी बदलाव से इनकार करती है और यही कारण है कि आप वरिष्ठ नेताओं को खो देते हैं। क्योंकि वे अलग-थलग, अपमानित और अपमानित महसूस करते हैं”

8.फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा की “सम्मान नहीं मिल रहा होगा, पहले उन पर प्यार बरसा था। 32 नेताओं ने पत्र लिखे तो कांग्रेस हैरान रह गई। लेकिन ऐसा पहले भी हुआ है, कांग्रेस और मजबूत हुई। देश को मजबूत विपक्ष की जरूरत है”

9.कुलदीप बिश्नोई

पूर्व कांग्रेस नेता और अब बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा की “यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस आत्म-विनाश, आत्मघाती प्रक्रिया में है। मेरा सुझाव है कि राहुल गांधी अपने अहंकार को अलग रखें….गुलाम नबी आजाद का भाजपा में स्वागत है। अगर पार्टी मुझसे पूछे तो मैं उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए मना सकता हूं”

10.जयवीर शेरगिल

कुछ दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाले नेता जयवीर शेरगिल ने कहा की “अब एक वरिष्ठ नेता कांग्रेस के बारे में पीए और सिक्योरिटी गॉर्ड के क्लब बनने की बात कर रहे हैं, कांग्रेस में पनप रही इस पूरी मंडली संस्कृति से सभी आयु वर्ग के नेता हताश और निराश हैं”

11.सलमान खुर्शीद 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा की “राहुल गांधी हमारे नेता हैं और रहेंगे। राहुल गांधी के साथ हमारा लेन-देन का रिश्ता नहीं है। पार्टी के लिए कुछ करना हमारा कर्तव्य है। यह परिपक्व नहीं है कि लंबे समय से पार्टी से जुड़े लोग इतनी छोटी सी बात के लिए पार्टी छोड़ देते हैं.