इंडिया न्यूज़ : यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी देखते -देखते बिहार में जनआंदोलन का रूप ले रही है। गिरफ्तारी के विरोध में समर्थकों ने आज यानि 23 मार्च को बिहार बंद बुलाया है। मनीष के समर्थकों का कहना है कि सरकार और प्रशासन के खोखले दावों की वह पोल खोलते थे, यही प्रमुख वजह है कि उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है। बिहार बंद को समर्थन देने उतरी भीड़ का कहना है कि उन्हें फेक वीडियो केस में फंसाने की साजिश रची गई है। बता दें, यूट्यूबर के खिलाफ हुई कारवाई पर ब्राह्मण भूमिहार समाज भी आहत है और तत्काल न्याय की मांग कर रहा है।
बता दें, तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई का वीडियो वायरल करने वाले मनीष कश्यप पर फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे हैं। मनीष के वीडियो पर तमिलनाडु सरकार की ओर से भी कहा है कि जिस वीडियो को तमिलनाडु का बताया जा रहा है, वह गलत और भ्रामक है।
इसी मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस का मानना है कि मनीष के पास इस मामले में कई संवेदनशील जानकारियां हैं, जिसे वो हासिल करना चाहती है। बता दें, मनीष कश्यप के खिलाफ पेड न्यूज चलाने का आरोप है। उन पर यह भी आरोप है कि गलत तरीके से उन्होंने खबरें चलाई हैं। जिससे समाज में अशांति फ़ैल सकती थी।
मालूम हो, मनीष कश्यप बिहार के चर्चित चेहरों में से एक हैं। सोशल मीडिया पर उनके लाखों प्रशंसक हैं। देशभर के लोग उनकी रिपोर्टिंग के कायल हैं। बिहार -यूपी का युवा वर्ग उनके खास अंदाज में की गई रिपोर्टिंग पर जान छिड़कता हैं। अक्सर देखा जाता है कि मनीष कश्यप बिहार की प्रशासनिक खामियों के खिलाफ जमकर बोलते नजर आते हैं। बता दें, मनीष को बिहार की सत्तारूढ़ सरकार के आलोचक बताया जाता है। यही वजह है कि उन्हें इस केस में विपक्ष का साथ भी मिलता दिख रहा है।