इंडिया न्यूज़ (जम्मू, CBI arrests 4 people in JKPSI scam case): केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कांस्टेबल सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों को जेके पुलिस सब-इंस्पेक्टर (JKPSI) भर्ती घोटाले के लिए गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जेके पुलिस के एएसआई अशोक कुमार, सीआरपीएफ कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह और दो निजी व्यक्तियों प्रदीप कुमार और बजिंदर सिंह के रूप में हुई है।
अब तक कुल 13 गिरफ्तार
एक बयान में सीबीआई ने उल्लेख किया कि उन्होंने जम्मू के छठा इलाके में 160 बटालियन में तैनात जेके पुलिस के तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक और सीआरपीएफ के कांस्टेबल सहित अन्य को गिरफ्तार किया है इसके अलावा एक निजी कंपनी के प्रिंटिंग प्रेस के पैकिंग प्रभारी और करनाल से संबंधित एक निजी व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने अब तक जेके पुलिस के दो कांस्टेबल, सीआरपीएफ के एक अधिकारी, सीआरपीएफ के एक पूर्व कांस्टेबल, एक शिक्षक, सीमा सुरक्षा बल के एक कमांडेंट और जेके पुलिस के एक एएसआई सहित 13 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है।
जांच के दौरान यह पाया गया कि प्रिंटिंग प्रेस के पैकिंग इंचार्ज ने जेकेपीएसआई परीक्षा के प्रश्न पत्र को कथित रूप से चुरा लिया था, जब उसे पैक किया जा रहा था और लीक हुए प्रश्न पत्र को रेवाड़ी निवासी एक आरोपी को बेच दिया गया था, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था।
इस साल मार्च में हुई थी परीक्षा
यह भी आरोप लगाया गया कि हरियाणा में रहने वाले आरोपी ने लीक हुए प्रश्न पत्र की बिक्री के लिए उम्मीदवारों की याचना करने के लिए जेके स्थित अन्य दलालों से संपर्क किया। जेके के दलाल कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले उम्मीदवारों को जम्मू से करनाल (हरियाणा) ले गए।
यह भी आरोप लगाया गया कि उक्त एएसआई द्वारा उम्मीदवारों को करनाल ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई थी।
आगे यह भी आरोप लगाया गया कि करनाल स्थित आरोपी ने करनाल में उम्मीदवारों को लीक प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के लिए होटल की व्यवस्था की। सीआरपीएफ के कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर कुछ उम्मीदवारों को लीक प्रश्न पत्र मुहैया कराया। गिरफ्तार आरोपियों को जम्मू में सीजेएम की अदालत में पेश किया जाएगा।
इस साल 27 मार्च को परीक्षा का आयोजन किया गया था और चार जून को रिजल्ट आया था। तीन अगस्त को जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर मामला दर्ज किया गया था।