पंचकूला (Chanakya Natak: Chanakya changed Indian history on the strength of his confidence, intelligence and political will) : हरियाणा के पंचकूला में आयोजित कुटिल बुद्धि के सरताज आचार्य चाणक्य पर आयोजित चाणक्य नाटक का मंचन प्रोग्राम में सांसद कार्तिक शर्मा ने आज शिरकत की। इस नाटक का आयोजन दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने किया था। कार्तिक शर्मा ने यह मंच से आचार्य चाणक्य की बड़ी बातों को सबके सामने रखा और इस कार्यक्रम में बुलाने के लिए दिव्य प्रेम सेवा मिशन को धन्यवाद भी दिया। सांसद शर्मा ने कहा “इस कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं दिव्य प्रेम सेवा मिशन को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं और आभार प्रकट करता हूं”

  • चाणक्य की पंक्ति से शुरू किया भाषण
  • चाणक्य के सिद्धांतों का पालन कर व्यक्ति कभी हार नहीं सकता- कार्तिक शर्मा
  • कोयला जीवन का अमूल्य ज्ञान देती है
  • सभी राष्ट्र धर्म का पालन करें- कार्तिक शर्मा

चाणक्य की पंक्ति से शुरू किया भाषण

सासंद कार्तिक शर्मा ने इस कार्यक्रम में अपने भाषण की शरुआत आचार्य चाणक्य की एक पंक्ति से की। कार्तिक शर्मा ने कहा “मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परंतु मन से हारा हुआ कभी नहीं जीत सकता, आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेष्ठ पूंजी है।” उन्होंने कहा कि आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपने आत्मविश्वास, बुद्धिमता और राजनीतिक इच्छा शक्ति के बल पर भारतीय इतिहास को बदल दिया था।

कार्तिक शर्मा ने कहा कि आचार्य चाणक्य ने कहा था कि एक कुशल नेता को हमेशा धैर्य बना कर रखना चाहिए, अपनी योजना को केवल चुनिंदा लोगों के साथ ही सांझा करें , जब तक कार्य पूरा न हो जाए तब तक सावधानी बरतें, अपने साथियों से सलाह लेकर कठिन परिस्थितियों से बाहर निकला जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक्शन तभी लेना चाहिए जब परिस्थितियां उसके हाथ में हों। और आज यदि हम चाणक्य की उपरोक्त नीतियों और सिद्धांतो का पालन करते हैं तो निश्चित रूप से अपने जीवन को खुशहाल, सकारात्मक और सफल बना सकते हैं।

चाणक्य के सिद्धांतों का पालन कर व्यक्ति कभी हार नहीं सकता- कार्तिक शर्मा

सांसद शर्मा ने चाणक्य के सिद्धांतो के बारे में बताते हुए कहा कि इतनी सदियां बीतने के बावजूद भी चाणक्य द्वारा बताए गए सिद्धांत आज भी न केवल प्रासंगिक बने हुए हैं बल्कि बेहतर जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण भी हैं। जो भी उनके बताए सिद्धांतों और नीतियों का अनुसरण करता है वह व्यक्ति कभी जिंदगी के मुश्किल वक्त में हारता नही है। आचार्य चाणक्य का मुख्य उद्देश्य भारत को एक मजबूत, सक्षम और समृद्ध महान राष्ट्र बनाना था, जो हम साफ साफ देख सकते है कि उनकी नीतियों का पालन करके ही महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और मौर्य वंश का उदय हुआ जिन्होंने विश्व के एक बड़े भाग को जीतने में सफलता हासिल की।

कोयला जीवन का अमूल्य ज्ञान देती है

चाणक्य का उल्लेख करते हुए कार्तिक शर्मा ने कहा कि आचार्य चाणक्य कहना था कि व्यक्ति को दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए और सफलता हासिल करने के लिए दूसरों के अनुभवों को जानना चाहिए। आज प्रतिस्पर्धा के दौर में जब व्यक्ति किसी से बात नहीं करना चाहता, सब कुछ खुद करके देखना चाहता है ऐसी स्थिति में आचार्य चाणक्य की ये बात हमें सीखने की जरूरत है। आचार्य चाणक्य ने कहा कि बुद्धि से पैसा कमाया जा सकता है, पंरतु पैसे से बुद्धि नही हासिल की जा सकती। इसलिए प्रत्येक इंसान को अपनी बुद्धि के विकास के लिए प्रयास करना चाहिए । उन्होंने हमें सिखाया कि कैसे एक कोयल हमें जीवन का अमूल्य ज्ञान देती है। चूंकि कोयल तब तक मौन रहती है जब तक कि उसके कंठ से मधुर स्वर नही निकलते, इसलिए जब भी बोलें तो मधुर बोलें। कड़वा बोलने से बेहतर है कि मौन रहें।

सभी राष्ट्र धर्म का पालन करें- कार्तिक शर्मा

अपने भाषण के अंत में उन्होंने अपील करते हुए कहा कि आचार्य चाणक्य की निति पर चलते हुए राष्ट्र धर्म का पालन करें और एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करे ताकि हमारा भारत अमृत काल में एक बार फिर से दुनिया का सिरमौर बन सके।

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