इंडिया न्यूज, New Delhi News। China Is Building Roads In Ladakh : चीन इन दिनों लद्दाख में पैंगोंग झील के पास अवैध निर्माण कर रहा है। जिसका खुलासा सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से हुआ है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि चीन LAC के पास नई सड़कें, पुल और टॉवर्स बना रहा है। इनमें से ज्यादातर निर्माण उस इलाके में हो रहा है जिसपर चीन ने करीब 60 साल पहले अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।

तेजी से किया जा रहा है निर्माण

फोटोज में बनती सड़कें साफ दिख रही हैं, पुल का हिस्सा भी बिल्कुल क्लियर दिख रहा है। नया निर्माण झील के दक्षिणी किनारे को Rutog में उत्तरी किनारे से जोड़ेगा जहां चीनी सेना तैनात रहती है।

इस निर्माण में कुछ असामान्य चीज भी देखने को मिली है। दरअसल, चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल के बीच में 15 मीटर का गैप भी दिख रहा है। यह गैप चल रहे निर्माण के बावजूद भरा नहीं गया है।

चीन इसलिए कर रहा यह निर्माण

चीन द्वारा किए जा रहे इस निर्माण को देखकर ऐसा लगता है कि वह पिछली बार की अपनी मजबूरियों से पार पाना चाहता है। दो साल पहले जब भारत-चीन सेना का गतिरोध हुआ था। तब चीन के सैनिक जल्द उन ऊंची जगहों पर नहीं पहुंच पाए थे जहां से दक्षिण के हिस्से को कंट्रोल किया जा सके।

इन सामरिक ऊंचाइयों पर भारतीय जवान पहले पहुंच गए थे। जिस कारण चीन को भारत के साथ बातचीत करके गतिरोध को खत्म करना पड़ा।

यही कारण है कि अब चीन अपनी उन खामियों पर काम कर रहा है। अब चीन झील पर एक पुल का निर्माण कर रहा है। इसके साथ-साथ यहां इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढांचा भी मजबूत कर रहा है।

कुछ सड़कें लगभग हो चुकी हैं तैयार

सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि चीन झील के दक्षिणी हिस्से में सड़क का कुछ हिस्सा लगभग तैयार कर चुका है, और अभी काम जारी है। इस काम को निपटाने के लिए वहां काफी हेवी मशीनरी पहुंचाई गई है।

नई सड़क की मदद से हेवी मिलिट्री को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह लाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि चीन फिर से भारतीय सेना को अगस्त 2020 की तरह बढ़त नहीं बनाने देना चाहता।

पुल के नीचे क्यों छोड़ा गया है 15 मीटर का गैप?

अब बात करते हैं कि चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल की। यह करीब एक साल से बन रहा है। इस पुल को पहले से मौजूद सड़क और दूसरे रोड नेटवर्क से भी जोड़ने की तैयारी है। बन रहे नए पुल के दक्षिणी झोर की तरफ नीचे एक गैप है जो कि अबतक भरा नहीं गया ह।

ऐसा माना जा रहा है कि फिलहाल पुल के निर्माण के लिए गैप को बनाए रखा गया हो जिससे सामान इधर से उधर किया जा सके और बाद में इसको भर दिया जाए। लेकिन यह भी हो सकता है कि इस गैप को चीन की हमला करने वाली और गश्त करने वाली नावों के लिए खुला रखा गया हो जिससे वे एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकें।

12 की बजाय 4 घंटे में पहुंच सकेगी चीनी सेना

जानकारों का कहना है कि इस पुल की से चीन की सेना को काफी मदद मिलेगी। यदि चीन को झील के उत्तर में मौजूद Khurnak Fort से दक्षिण में मौजूद उस जगह पहुंचना है जहां 2020 में गतिरोध हुआ था, तो पहले इसमें 12 घंटे का समय लगता था, लेकिन इस पुल के बनने के बाद अब सिर्फ 4 घंटे में चीनी सेना पहुंच सकती है।

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