India News ( इंडिया न्यूज़ ) Nepal Vs China : नेपाल समेत दक्षिण एशिया के देशों को फांसने के लिए चीन ने अब नया प्लान शुरू किया है। इसका नाम सिल्‍क रोडस्‍टर रखा गया है। इसके जरिए चीन की कोशिश भारत के पड़ोसी देशों में अपनी साफ्ट पावर को बढ़ाना है। चीन और नेपाल के बीच बीआरआई को लेकर विवाद चल रहा है। भारत के बढ़ते साफ्ट पावर से परेशान चीन ने भारत के पड़ोसी देश नेपाल और आसियान के दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में ‘सिल्‍क रोडस्‍टर’ प्रॉजेक्‍ट को लॉन्‍च किया है। यह प्रॉजेक्‍ट चीन के बेल्‍ट एंड रोड परियोजना का हिस्‍सा है जिससे अभी हाल ही में इटली ने किनारा किया है।

चीन ने शुरू किया नया प्लान

चीन अब नेपाल के जरिए दक्षिण पूर्वी एशियाई और दक्षिण एशियाई देशों के साथ सहयोग के नए रास्‍ते तलाश रहा है जहां भारत का रणनीतिक हित बेहद अहम है। सिल्‍क रोडस्‍टर प्‍लेटफार्म के तहत कई नए प्रॉजेक्‍ट को शुरू किया जा रहा है। चीन इन प्रॉजेक्‍ट को विभ‍िन्‍न नेपाली दलों और सामाजिक संगठनों के जरिए पूरा करना चाहता है। चीन का दावा है कि सिल्‍क रोडस्‍टर प्‍लेटफार्म को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि व्‍यवहारिक सहयोग और लोगों के बीच आदान प्रदान को बढ़ाया जा सके। इसमें चीन में मौजूद स्‍थानीय सरकारों, विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों के संसाधनों के साथ समन्‍वय किया जाना है।

चीन के कर्ज के तले दब रहा नेपाल

इससे चीन के दावे की पोल खुल गई थी। नेपाल को अब सबसे ज्‍यादा लोन देने वाला देश चीन बन गया है। चीन की योजना बीआरआई के तहत नेपाल तक रेल दौड़ाने की है। हालांकि इसमें आने वाले अरबों डॉलर के खर्च से नेपाल सहमा हुआ है। चीन ने पोखरा एयरपोर्ट के लिए नेपाल को 21 करोड़ डॉलर का लोन दिया है जो काफी ज्‍यादा ब्‍याज दर पर है और इस एयरपोर्ट से उसे कोई कमाई नहीं हो रही है।

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