India News (इंडिया न्यूज), Corona Update: देश में 24 घंटों में 628 नए कोविड केस दर्ज हुए हैं। वहीं सक्रिय मामले 3,742 हो गए हैं। भारत में सक्रिय कोविड मामले सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सक्रिय केस अब 3,000 के करीब है। जेएन.1 वेरिएंट सबसे पहले केरल में पाया गया था, जो इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
नोएडा के एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद दिल्ली-एनसीआर में भी महीनों बाद पहला सीओवीआईडी मामला सामने आया है। चूंकि JN.1 वैरिएंट पूरे देश में चिंता का कारण बना हुआ है, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी अपने मास्क अनिवार्यता को वापस ले लिया है।
कई राज्यों में कोरोना का खतरा
चूंकि कई राज्यों में कोरोना मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, रविवार को सक्रिय रोगियों की संख्या 3742 तक पहुंच गई है, केरल में सबसे अधिक रिपोर्ट किए गए मामलों से चिंताएं बढ़ गई हैं, जहां एक नया संस्करण, जेएन.1 सामने आया है। उभरते कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्टार इमेजिंग एंड पाथ लैब के निदेशक डॉ. समीर भाटी इसकी बदलती गतिशीलता पर प्रकाश डालते हैं। दिल्ली में परीक्षणों की अपेक्षाकृत कम संख्या के बावजूद, मामलों की बारीकी से निगरानी की जा रही है और जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है। किसी भी उभरते वेरिएंट की पहचान करने के लिए किया जाता है। डॉ. भाटी ने बताया कि जहां आरटी पीसीआर परीक्षण को सीओवीआईडी का पता लगाने के लिए नियोजित किया जाता है, वहीं नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए जीनोम अनुक्रमण किया जाता है।
दक्षिण भारत में दी दस्तक
मालूम हो कि कोरोना का खतरा एक बार फिर से बढ़ रहा है। देशभर में इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है दक्षिण भारत में कोरोना ने इस बार भी दस्तक दी, जिसके बाद धीरे-धीरे पूरे देश में इसके मामले आने शुरु हो गए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को ताजा अपडेट्स के अनुसार पिछले 24 घंटों में 656 कोविड-19 के नए मामले दर्ज किए गए।
कोरोना का कहर
अन्य राज्यों में जैसे केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा में कोविड के नए सब-वैरिएंट के मामले तेजी से आ रहे हैं। गोवा में समाचार एजेंसी को एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना के सैंपलों में सब-वैरिएंट जेएन.1 पाया गया है। लेकिन ये पुराने मामले हैं और अब सक्रिय नहीं हैं। जान लें कि 8 दिसंबर को ऐसा पहला मामला केरल में पाया गया, जिसके बाद केंद्र ने राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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