Election in Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में चुनाव की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं के साथ नेशनल कांफ्रेस और पीडीपी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। मुलाकात के बाद नेशनल कांफ्रेस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को देख रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राज्य जो भारत का ताज है, उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। हम जम्मू-कश्मीर में एक लोकतांत्रिक सरकार चाहते हैं।
- 2014 में जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुआ था
- तीन साल से राज्य में चुनाव लंबित है
- अब विधानसभा में 114 सीटें हो गई है
राज्य में इससे पहले 2014 में चुनाव हुआ था तब 87 सीटों वाली विधानसभा में पीडीपी को 28, बीजेपी को 25, कांग्रेस को 15 और नेशनल कांफ्रेस को 12 सीट मिली थी। तब बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी। 2018 में बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया। 5 अगस्त 2019 को राज्य को विशेष दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया और जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बना दिया तब से राज्य में चुनाव लंबित है।
परिसीमन करवाया गया
जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के परिसीमन के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने फरवरी 2022 में अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रकाशित की। अंतिम परिसीमन रिपोर्ट 5 मई 2022 को जारी की गई जिसके तहत जम्मू संभाग में अतिरिक्त 6 सीटें और कश्मीर संभाग में 1 सीट जोड़ी गई। परिसीमन के बाद, विधानसभा की कुल सीटें बढ़कर 114 हो गईं जिनमें से 24 सीटें उन क्षेत्रों के लिए नामित की गई हैं जो पाकिस्तानी के कब्चे वाले कश्मीर के अंतर्गत आते हैं। शेष 90 सीटों में से 43 सीटें जम्मू संभाग में और 47 सीटें कश्मीर संभाग में हैं।
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