India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi: दिल्ली धोखाधड़ी मामला जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग नई दिल्ली ने मेसर्स अंसल हाईटेक टाउनशिप लिमिटेड को दादरी में आवासीय प्लॉट के नाम पर शिकायतकर्ता से वसूली के लिए सेवाओं में कमी, मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न का दोषी करार दिया है। दिल्ली प्लॉट उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष पूनम चौधरी, सदस्य शेखर चंद्रा की पीठ ने अंसल हाईटेक को शिकायतकर्ता से वसूले गए 14.81 लाख रुपये 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वापस देने का आदेश दिया।
पीड़ित को ब्याज सहित वापस मिलेगा पैसा
पीठ ने कहा कि कंपनी शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपये देगी। साथ ही केस की लागत के लिए 25 हजार रुपये भी देने होंगे। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कंपनी के खिलाफ सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि अंसल हाईटेक ने वर्ष 2012 में गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी गांव के पास सुशांत मेगापोलिस नाम से आवासीय प्लॉट का प्रस्ताव पेश किया था। कंपनी के झूठे वादों पर विश्वास करके उन्होंने इस परियोजना में 200 वर्गमीटर का प्लॉट खरीदने के लिए हामी भर दी।
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धोखाधड़ी का आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि अंसल हाईटेक ने खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की है। जमीन खरीदने से पहले ही कंपनी ने शिकायतकर्ता और विभिन्न अन्य आवंटियों को उक्त जमीन पर विकसित किए जाने वाले प्लॉट बेच दिए थे। जब शिकायतकर्ता को इस हकीकत का पता चला तो उसने तुरंत अंसल हाईटेक के अधिकारियों से संपर्क किया, जिन्होंने माना कि उक्त जमीन उनके पास उपलब्ध नहीं है। अंसल हाईटेक की ओर से पेश अधिवक्ता ने आवेदन खारिज करने का अनुरोध किया और तर्क दिया कि आयोग को इस विवाद पर विचार करने का अपेक्षित क्षेत्राधिकार नहीं है। फोरम ने कंपनी की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर कंपनी को यह दलील नहीं देनी चाहिए।
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