Delhi High Court Discharge Vivek Agnihotri: दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और उड़ीसा उच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ शुरू किए गए अवमानना मामले से आरोप मुक्त कर दिया।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और विकास महाजन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। गौतम नवलखा को जमानत देने के लिए जस्टिस मुरलीधर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना के मामले को शुरु किया था। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मृदुल ने कहा, “ट्विटर दुख का एक बड़ा स्रोत है।” अग्निहोत्री सुनवाई के लिए कोर्ट में मौजूद थे। जब मामला उठाया गया तो न्यायमूर्ति मृदुल ने रंगनाथन की उपस्थिति के लिए भी कहा।
आरएसएस के विचारक एस गुरुमूर्ति के खिलाफ दायर एक अन्य अवमानना मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक को पता होना चाहिए कि आपको सावधान रहना चाहिए। हम न्यायपूर्ण और निष्पक्ष आलोचना को आमंत्रित करते हैं। हम इसी तरह कार्य करते हैं।”
कोर्ट ने आगे कहा, “उन्होंने (गुरुमूर्ति) खेद व्यक्त किया है और बिना शर्त माफी मांगी है … न्यायमूर्ति गोगोई के फैसले में कहा गया है कि अदालतें अपनी गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए अवमानना के लिए दंडित नहीं करती हैं। हमारी गरिमा लोगों के कहने से नहीं आती, कर्तव्यों का निर्वहन करने से आती हैं।”
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अग्निहोत्री अपनी टिप्पणियों पर अपना पछतावा दोहराने के लिए अदालत में मौजूद थे। उन्होंने ट्विटर पर कथित रूप से आपत्तिजनक बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगी। हलफनामे में अग्निहोत्री ने जो कहा, उसका जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि श्री अग्निहोत्री कहते हैं कि उनके मन में न्यायपालिका के लिए अत्यंत सम्मान है और उनका इरादा जानबूझकर अदालत की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उनके खिलाफ अवमानना क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए, इसके लिए जारी कारण बताओ नोटिस को वापस लिया जाता है।
एडवोकेट जे साई दीपक रंगनाथन के लिए पेश हुए और कहा कि रंगनाथन को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का कोई आदेश नहीं था। हालांकि, वकील ने आश्वासन दिया कि वह 24 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित रहेंगे। अदालत ने अग्निहोत्री को भविष्य में अपनी टिप्पणियों से अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी।
अग्निहोत्री ने भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा को जमानत देने में न्यायमूर्ति मुरलीधर की ओर से पक्षपात का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था। अग्निहोत्री के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई थी। रंगनाथन, स्वराज्य पत्रिका और कई अन्य ने भी इसी तरह की सामग्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया था।
यह भी पढ़े-
Rahul Gandhi Visit: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी शनिवार को बिहार दौरे पर पहुंच…
India News (इंडिया न्यूज), UP News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी…
Bad Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल कितना खतरनाक हो सकता है इसका अंदाजा आप इसी बात से…
Supaul Firing News: बिहार के सुपौल जिले में शुक्रवार को पेट्रोल पंप मैनेजर दीप नारायण…
India News (इंडिया न्यूज़),Manoj Tiwari News: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी…
Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में अपनी सास से बिछड़कर बहू फूट-फूटकर रोने लगती है।…