India News (इंडिया न्यूज़),Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के सेवा अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है।वहीं, DERC चीफ की नियुक्ति को लेकर सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि (LG और CM के बीच किसी एक सहमति नहीं बन पाई है)। कोई संस्थान की परवाह नहीं करता। इस लिहाज से तो DERC बिना अध्यक्ष के पद के रहेगा। कोर्ट ने कहा – कि जब तक इस विवाद का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक हम DERC के अध्यक्ष पद पर अस्थाई नियुक्ति करेंगे। हम हाई कोर्ट के जज से मशवरा करके इस पद पर अस्थाई नियुक्ति करेगे। आगे मामला हम सुनवाई के लिए 4 अगस्त को रख रहे है।

बता दें 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर दिया फैसला देकर ये साफ कर दिया कि दिल्ली की नौकरशाही पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल है और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी अधिकार भी उसी का है। प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली की पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर केंद्र का अधिकार है, लेकिन बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर बाकी सभी दूसरे मसलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह माननी होगी।

ऐसे में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई , जिसके तहत अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को वापस मिल गया। अब इस अध्यादेश  को लेकर हंगामा मचा हुआ है। दिल्ली की केजरिवाल सरकार संसद में इसो कानून बनने से बाचाने के लिए विपक्ष की सहायता की मांग कर रही है ।

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