India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक वकील को शराब के नशे में मजिस्ट्रेट अदालत में आने पर और वहा “अभद्र और अपमानजनक” भाषा का इस्तेमाल करने के लिए दोषी ठहराया है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अधिवक्ता संजय राठौर को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक वकील को दोषी ठहराया, जो नशे की हालत में अदालत में आया और कड़कड़डूमा अदालत में मजिस्ट्रेट के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और उन्हें धमकी भी दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता संजय राठौर को अदालत की आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया।
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यह घटना 30 अक्टूबर, 2015 को हुई थी। नशे की हालत में अदालत में पेश होना भी अक्षम्य है। उन्होंने कहा कि यह अदालत की अवमानना है। अवमाननाकर्ता द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा ने न्यायालय को अपमानित किया है। इस तरह का आचरण न्याय प्रशासन में भी हस्तक्षेप करता है। बोले गए शब्द काफी गंदे और अपमानजनक हैं।
30 अक्टूबर, 2015 को मजिस्ट्रेट ने एक आदेश पारित किया जिसमें दर्ज किया गया कि वाहन का आरोपी मालिक अधिवक्ता के साथ अदालत में पेश हुआ। उसे बताया गया कि मामले को स्थगित कर दिया गया है और मामले के लिए एक तारीख दी गई है। इसके तुरंत बाद, वो अदालत में चिल्लाना शुरू कर दिया और अपमानजनक और गंदी भाषा का इस्तेमाल किया। इसके पश्चात उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता के खिलाफ संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही आरम्भ की थी। इस मामले में अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर को न्यायमित्र नियुक्त किया गया था।
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