नई दिल्ली।(Turkiye-Syria Earthquake Live) भूकंप से मची तबाही के बीच तुर्किए(तुर्की) में फिर भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.9 मापी गई है। तुर्की-सीरिया में आए भूकंप में अभी तक लगभग 4300 से ज्यादा मौतें हुई हैं। जबकि भूकंप के प्रभाव से 10 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस तबाही में 5600 के करीब इमारतें जमींदोज हुई हैं। इसके अलावा दोनों देशों में भारी जालमाल की हानि भी हुई है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने मदद को दिया भरोसा
सीरिया-तुर्किए में भूकंप से जान गवाने वाले लोगों के निधन पर दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों ने दुख जताया है। इसी कड़ी में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह संकट की इस घड़ी में तुर्किए और सीरिया की मदद करने के लिए के लिए तैयार हैं। दोनों देशों में आए इस विनाशकारी भूकंप को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान से फोन पर बात की है और बाइडेन ने राष्ट्रपति इरदुगान को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है।
मौत का आंकड़ा और बढ़ेगा – तुर्किए के उप राष्ट्रपति
तुर्किए के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने बताया कि ऐसी आपदा 100 साल में एक बार आ सकती है। इस विनाशकारी भूकंप से भविष्य में मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है इसके लिए देश को तैयार रहना चाहिए।
PM मोदी के आदेश के बाद तुर्किए के लिए NDRF की 2 टीम हुई रवाना
तुर्किए और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर PMO में एक बैठक हुई। जिसके बाद पीएम मोदी के निर्देश पर NDRF की 2 टीमें तुर्किए रवाना हुई है। एनडीआरएफ गाजियाबाद के डीआईजी मोहसेन शाहेदी के मुताबिक तुर्किए(तुर्की) और सीरिया में भयानक भूकंप आने से कई लोगों की मृत्यु हुई है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने एनडीआरएफ की 2 टीमें वहां भेजने का फैसला किया है।
इजरायल, स्पेन और न्यूज़ीलैंड ने भेजी मदद
इजरायल ने भी तुर्किेए के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। इजरायल की रेस्क्यू टीम तुर्किए के लिए रवाना हो गई है।इजरायल के बाद स्पेन भी सीरिया के भूकंप प्रभावित लोगों की मदद करने को अपना हाथ बढ़ाया है। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रशिक्षित स्निफर डॉग्स भेजे हैं। न्यूज़ीलैंड तुर्की को 632,000 डॉलर और सीरिया को 316,000 डॉलर की मदद भेज रहा है। जिससे इस विनाशकारी भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए खाना, टेंट और कंबल जैसे सामान जरूरी सामान उपलब्ध हो सके।
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