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संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश, तीन साल में सबसे कम जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

दिल्ली (Economic survey tabled in parliament, GDP assumpation least in three years): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिया है। इस सर्वे में वर्ष 2023-24 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले 3 साल में यह सबसे धीमी ग्रोथ होगी। सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। पर्चेजिंग पावर पैरिटी के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सर्वे को लेकर चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर और अन्य सीनियर अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाले है। इकनॉमिक में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुमान, महंगाई दर अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे की जानकारी को शामिल किया जाता है।

GDP इकोनॉमी के स्वास्थ्य को बताने वाली सबसे सामान्य चीज मानी जाती है। GDP देश के भीतर एक समय सीमा के अंदर में उत्पादित सभी सामने की कीमत को दर्शता है। देश के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां उत्पादन करती है उसे भी जीडीपी में शामिल किया जाता है।

RBI के कंट्रोल से बाहर महंगाई

भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार रिटेल महंगाई RBI के 2-6% के बीच करने चाहिए लेकिन साल 2022 में यह इस सीमा के बाहर ही रही है। सबसे ज्यादा 7.79% महंगाई अप्रैल 2022 में दिखी। कच्चे तेल समेत 299 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।

इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है?

इकोनॉमिक सर्वे के जरिए देश की आर्थिक स्थिति का लेखा-जोखा बताया जाता है। बजट से ठीक पहले देश का इकोनॉमिक सर्वे सामने रखा जाता है। इस इकोनॉमिक सर्वे की मदद से देश की अर्थव्यवस्था, उसकी आर्थिक स्थिति का पूर्वानुमान लगाया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे काफी अहम दस्‍तावेज है। इस दस्तावेज में पिछले साल का पूरी हिसाब-किताब तो रहता ही है, इसके साथ-साथ आने वाले साल के लिए चुनौतियों, समाधान, आर्थिक सुझावों का जिक्र किया जाता है।

ये एक अहम दस्तावेज होता है, जिससे अंदाजा लगाया जाता है कि बीते साल के आधार पर आने वाले दिनों में देश की आर्थिक स्थिति कैसी होगी। देश की महंगाई दर किस दिशा में जाएगी, राजकोषिय स्थिति कैसी होगी, इन सबकी जानकारी इकोनॉमिक सर्वे से मिल जाती है। इसे तैयार करने का काम वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेट का होता है। इकोनॉमिक डिवीजन चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की निगरानी में ये दस्तावेज तैयार किया जाता है।

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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