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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी की मीटिंग में आतंकवाद को लेकर फिर किया अलर्ट

Naresh Kumar • LAST UPDATED : October 29, 2022, 5:17 pm IST
  • कहा-तकनीक से अब हमलों के खतरे, इंटरनेट बन रहा आतंकियों का टूलकिट

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली न्यूज। S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद की समस्या को लेकर एक बार फिर चेताया है। शनिवार को दिल्ली में भारत की आतंकवाद निरोधी समिति (सीटीसी) की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की दूसरी विशेष बैठक में उन्होंने तकनीक के जरिए आतंकी हमलों को अंजाम दिए जाने की चेतावनी दी। बता दें कि भारत यूएनएससी की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी कर रहा है।

शुक्रवार को भारतीय सीटीसी की अध्यक्षता में यूएनएससी की विशेष बैठक मुंबई के ताज होटल में हुई थी। इस दौरान भी जयशंकर ने आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा व मानवता के लिए बड़ा खतरा करार दिया था।

तकनीक के जरिए आतंकी हमलों की आशंका को लेकर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि कम लागत और तकनीक के आसानी से मिलने की वजह से दुनियाभर में अब ड्रोन हमलों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि आतंकी समूह समाज को अस्थिर करने के मकसद से इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी उनके लिए कट्टरता व साजिश करने फैलाने का टूलकिट बन गए हैं। आज तकनीक आसानी से उपलब्ध हो जाती है जिसके कारण आतंकियों की क्षमताएं भी बढ़ गई हैं और इसके जरिए दहशतगर्द सुगमता से कहीं भी हमला करने का मादा रखते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में देश की सीटीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों की उपस्थिति बताती है कि यूएनएससी के सदस्य और स्टेकहोल्डर्स आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूएनएससी द्वारा उठाए गए कई कदमों के बावजूद आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है।

यूएनएससी की 1267 समिति के मुताबिक, आतंकवाद का सबसे ज्यादा खतरा एशिया और अफ्रीका में है। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड में आधा मिलियन डॉलर, यानी करीब चार करोड़ रुपए की मदद देगा।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों ने बता दें कि बैठक के दूसरे दिन इसके शुरू होने से पहले आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले लोगों, पीड़ितों व उनके परिवारों को याद करते हुए एक दो मिनट का मौन भी रखा।

गौरतलब है कि यूएनएससी पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है। इसके पांच स्थायी मेंबर हैं। इनमें अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन हैं।

इसके साथ ही हर दो साल के लिए 10 अस्थायी मेंबर्स को भी चुना जाता है। भारत, ब्राजील, अल्बानिया, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे, यूएई अभी यूएनएससी के अस्थायी मेंबर हैं।

लगातार बढ़ रहा आतंक का खतरा

उभरती प्रौद्योगिकियों के नाकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए जयशंकर ने कहा कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, एन्क्रिप्टेड मैसेज और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों ने भी सरकारों और नियामक निकायों के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी कदमों के बावजूद आतंकवाद का खतरा केवल बढ़ रहा है। विशेष रूप से यह एशिया और अफ्रीका में हो रहा है, जैसा कि प्रतिबंध समिति की निगरानी रिपोर्टों की लगातार रिपोर्टों ने उजागर किया है।

पाक को ग्रे लिस्ट से हटाने के बाद बढ़ी हमले की संभावना

जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर परोक्ष से पाकिस्तान पर निशाना साधा है। उन्होंने पड़ोसी मुल्क का नाम लिए बिना बैठक में कहा कि कई देश में तो आतंकवाद एक वित्त पोषित उद्यम बन गया था अब उनकी असलियत भी सबके सामने आ रही इससे पहले आईबी अधिकारियों ने पाकिस्तान को लेकर सनसनीखेज दावा किया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने के बाद भारत में आतंकी हमले की संभावना बढ़ गई है। शुक्रवार को मुंबई के ताज होटल में आयोजित यूएनएससी की काउंटर टेररिज्म की बैठक में जयशंकर ने पाक प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। कहा था कि 14 साल पहले पाकिस्तान की धरती से मुंबई को दहलाया गया। आज तक हमारा टास्क पूरा नहीं हुआ। अभी भी असली साजिशकर्ता पकड़ से बाहर हैं।

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