नई दिल्ली (Adani Controversy): अडानी स्टॉक मामले पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान दिया है। वित्तमंत्री ने कहा कि इस मामले से देश की स्थित और छवि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक इस मसले पर पहले ही अपना स्पष्टीकरण जारी कर चुका है। सभी एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। यह पहली बार नहीं है कि एफपीओ (FPO) वापस लिए गए हों, इससे पहले भी कई बार FPO वापस लिए गए हैं। इससे देश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि देश में पहली बार एफपीओ वापस लेने का मामला सामने नहीं आया है। इससे पहले भी कई बार एफपीओ को वापस लिया गया है। आप लोग बताएं कि एफपीओ वापस से कितनी बार भारत की छवि खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं? एफपीओ आता-जाता रहता है।

आरबीआई जारी कर चुका है बयान

बीते दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मीडिया में तमाम ऐसी खबरें आई हैं जिनमें भारतीय बैंकों के एक कारोबारी समूह को कर्ज दिए जाने पर चिंता जताई गई है। हम यह साफ करना चाहते हैं कि नियामक के रूप में आरबीआई वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है। आरबीआई के पास सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (सीआरआईएलसी) डेटाबेस सिस्टम है। इसका उपयोग बैंको के बड़े ऋणों की निगरानी करने के लिए किया जाता है।

गौतम अडानी ने एफपीओ को लेकर कही बात

अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि बोर्ड इस अवसर पर एफपीओ को लेकर आपके समर्थन और प्रतिबध्दता के लिए निवेशकों को धन्यवाद देता है। एफपीओ के लिए हमारी सदस्यता सफलतापूर्वक बंद हो गई है। पिछले सप्ताह स्टॅाक में अस्थिरता के बावजूद कंपनी, व्यवसाय और प्रबंधन में आपका विश्वास बेहद विनम्र रहा है।

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