भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल इंडोनेशिया में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बाली में हैं। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बाली में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जिस जगह के साथ भारत का हजारों वर्षों से रिश्ता रहा हो, जहां सैकड़ों पीढ़ियां गुजर गई, लेकिन जहां के लोगों ने अपनी परंपरा को जीवित रखा वहां के लोग, उस धरती पर आकर एक अलग ही आनंद मिलता है. पीएम मोदी ने कहा कि कई पीढ़ियां गुजर गईं लेकिन आपने कभी भी अपनी परंपरा को ओझल नहीं होने दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मैं आपको यहां संबोधित कर रहा हूं तो यहां से 1500 किलोमीटर दूर भारत के कटक में बाली जात्रा का उत्सव मनाया जा रहा है. जो भारत और इंडोनेशिया के संबंधों का परिचायक है। आगे पीएम ने कहा हमलोग अक्सर बातचीत में कहते हैं कि It’s a small world. भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को लेकर ये बात तो बिल्कुल सटीक बैठती है. समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को लहरों की तरह ही उमंगर से भरा और जीवंत रखा है.

पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं यहां पिछली बार जकार्ता में था तो इंडोनेशिया के लोगों का स्नेह बहुत करीब से देखा और महसूस किया था. राष्ट्रपति जोको विडोडो जी के साथ पतंग उड़ाने में जो मजा आया था वो अदभूत था. मेरी तो गुजरात में संक्रांति पर पतंग उड़ाने की बड़ी ट्रेनिंग है.

पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के साथ भारत के संबंधों को याद करते हुए कहा कि बाली की धरती महर्षि मार्कन्डेय और अगस्त्य के तप से पवित्र है. भारत में अगर हिमालय है तो इंडोनेशिया में आगुंग है. भारत में अगर गंगा है तो बाली में तीर्थ गंगा है. हम भारत में हर काम की शुरुआत श्रीगणेश से करते हैं. यहां भी श्री गणेश घर-घर विराजमान हैं.

अयोध्या में राम मंदिर बनता है तो इंडोनेशिया की रामायण परंपरा याद आती है अयोध्या का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जाती है तो हम भी इंडोनेशिया की रामायण परंपरा को गर्व से याद करते हैं. आज इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय अयोध्या का दर्शन करना चाहते हैं.