(दिल्ली) : राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अभी कोल्ड वार थमा नहीं है। गुरुवार को इशारों-इशारों में गहलोत ने पायलट की तुलना कोरोना वायरस से कर दी। सीएम गहलोत ने कहा कि एक कोरोना हमारी पार्टी में भी आ गया है। दरअसल, कर्मचारी संगठनों के साथ बजट से पहले गहलोत का यह वीडियो सामने आया है। साथ ही सीएम ने यह भी कहा है कि इन 4 साल में, जो बर्बादी हुई है, वह हमारी खुद की है।

बता दें , बीते बुधवार को संविदा कर्मचारियों की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम गहलोत से संविदा कर्मचारियों के नेता शमशेर भालू खान ने कहा कि सीएम मुलाकात संभव नहीं। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, इसपर गहलोत ने जवाब दिया कि पहले कोरोना आ गया, फिर एक बड़ा कोरोना हमारी पार्टी के अंदर आ गया। उसके बाद कभी उपचुनाव तो कभी राज्यसभा चुनाव आ गया। सीएम ने यह भी कहा कि आप सबके सहयोग और समर्थन के साथ हम शानदार स्कीम लाए हैं। आगे सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि अगर हमारी योजनाएं और बजट अच्छे न होते तो, हम साथ बैठकर बात न कर रहे होते।

जादूगरी वाले तंज पर बरसे गहलोत

वहीं, गहलोत ने सचिन पायलट के पेपरलीक को लेकर जादूगरी वाले तंज का करारा जवाब भी दिया। गहलोत ने कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जहां नकल को लेकर सख्त कानून का प्रावधान है। पेपर लीक में आरोपी ठहराए गए अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जल्द ही उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलेगा।आगे भी हम इस तरह के कड़ी कार्रवाई करते रहेंगे। बता दें कि पायलट ने तंज कसते हुए कहा था कि कौन सी जादूगरी से तिजोरी से पेपर निकल गए? सरकार इस पर जिम्मेदारी तय करे।

पायलट ने किसानों को मुआवजा देने के लिए पत्र लिखा

उधर, गुरुवार को पायलट ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर शीतलहर और पाला पड़ने से सरसों की फसल सहित अन्य खड़ी फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने का आग्रह किया। पायलट ने अपने पत्र में 17-18 जनवरी को हनुमानगढ़ जिले के अपने दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों एवं किसानों ने शीतलहर और पाले की वजह से सरसों की फसल को हुए नुकसान के बारे में अवगत कराया है।